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जल्द ही पराली से बनी गैस से दौड़ेंगी गाड़ियां, कंपनी ने कहा इन शहरों में खुलेंगे बायोगैस पंप!

Parali Se Banega Biogas: अब पराली से बायोगैस तैयार की जा रही है। कहा तो यहां तक जा रहा है, इस बायोगैस से गाड़ियां दौड़ेंगी। पराली और कचरे से बायोगैस बनाने की प्रौद्योगिकी, नोएडा की ग्रीन एनर्जी कंपनी नेक्सजेन एनर्जिया लिमिटेड ने विकसित की है।

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Report amanPublished By Shreya
Published on: 13 Oct 2021 6:01 AM GMT (Updated on: 13 Oct 2021 6:04 AM GMT)
जल्द ही पराली से बनी गैस से दौड़ेंगी गाड़ियां, कंपनी ने कहा इन शहरों में खुलेंगे बायोगैस पंप!
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बायोगैस पंप (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Parali Se Banega Biogas: प्रत्येक वर्ष नवंबर महीने से उत्तर भारतीय लोगों को 'स्मॉग' (Smog) (वह प्रदूषित हवा जो धुएं (स्मोक) और धुंध (फॉग) के मेल से बनती है) की समस्या का सामना करना पड़ता है। यह समय दिवाली (Diwali) के आस-पास का होता है, जब वातावरण में थोड़ी ठंडक आ चुकी होती है। स्मॉग की बड़ी वजह खेतों में जलाई जाने वाली पराली होती है। पंजाब (Punjab), हरियाणा (Haryana) और पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western Uttar Pradesh) में बड़े स्तर पर किसान खेतों में पराली (Parali) जलाते हैं। हर साल पराली जलाने को लेकर राज्य सरकारें अपने स्तर पर कोशिशें करती है।

बीच-बीच में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी पराली को लेकर केंद्र सरकार (Modi Government) को आवश्यक कदम उठाने और कोई ठोस योजना बनाने को कहा था। लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी यह समस्या जस की तस है। लेकिन इस बीच पराली को लेकर एक सकारात्मक खबर आई है। नई जानकारी के मुताबिक अब पराली से बायोगैस तैयार की जा रही है। कहा तो यहां तक जा रहा है, इस बायोगैस (Biogas) से गाड़ियां दौड़ेंगी।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

पराली और कचरे से बनेगी कंप्रेस्ड बायोगैस

पराली और कचरे से बायोगैस बनाने की प्रौद्योगिकी, नोएडा की ग्रीन एनर्जी कंपनी (Green Energy Company) नेक्सजेन एनर्जिया लिमिटेड (NexGen Energia Ltd) ने विकसित की है। बायोगैस बनाने की प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में जैविक खाद (Organic Manure) भी प्राप्त होता है। इस बायोगैस को कंप्रेस कर सिलेंडर में भरा जाता है। जिसके बाद सीएनजी स्टेशन बायोगैस पंप (CNG Station Biogas Pump) पर इसे गाड़ियों में भरा जा सकता है।

क्या कहती है कंपनी?

इस संबंध में कंपनी का कहना है कि वो बायोगैस बनाने के लिए हरियाणा और पंजाब के किसानों से बहुतायत पराली खरीदेगी। इसके साथ ही किसानों को कम दाम पर जैविक खाद भी उपलब्ध करवाएगी। कंपनी का कहना है कि कंप्रेस्ड बायोगैस (Compressed Biogas) बनाने के लिए हरियाणा के अंबाला में प्लांट शुरू कर दिया गया है। जल्द ही पंजाब और उत्तर प्रदेश में भी इस तरह के प्लांट लगाए जाएंगे।

किन शहरों में खुलेंगे बायोगैस स्टेशन?

इस संबंध में नेक्सजेन एनर्जिया के एमडी डॉ. पीयूष द्विवेदी (Dr. Piyush Dwivedi) ने बताया कि सबसे पहले यह कंप्रेस्ड बायोगैस स्टेशन (Compressed Biogas Station) जींद, अंबाला, खुर्जा, बागपत और फतेहाबाद में लगाए जाएंगे। कंपनी का कहना है कि ये बायोगैस स्टेशन (Biogas Station) अगले साल मार्च से पहले काम करना शुरू कर देंगे।

इंडियन ऑयल (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

इंडियन ऑयल भी कर चुकी है पहल

इससे पहले इंडियन ऑयल (Indian Oil) भी पराली से सीएनजी बनाने की दिशा में काम कर चुकी है। कंपनी ने पंजाब सरकार (Punjab Sarkar) के साथ इसके लिए एक एमओयू (MoU) भी साइन किया हुआ है। वहीं, पराली की समस्या से निपटने के लिए आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) ने इससे डिस्पोजेबल बर्तन (Disposable Utensils) और कागज बनाने की तकनीक भी विकसित की है।

देश का पहला सीएनजी बायोगैस पंप

बनासकांठा में इससे इतर, गुजरात के बनास डेयरी ने एक पहल इस दिशा में पहले ही की थी। बनास डेयरी ने गाय का गोबर जमा कर गोबर से संचालित सीएनजी पंप (CNG Pump) स्थापित करने की योजना बनाई थी। ये अपने तरह का पहला बायोगैस पंप बनासकांठा जिले के डीसा-थराद मार्ग पर दामा गांव के पास पिछले साल खोला गया था।

देश में अगर इस तरह की योजनाओं पर काम किया जाता रहा तो जल्द ही हमारी पेट्रोल-डीजल (Petrol Diesel) पर निर्भरता कम हो जाएगी। देश इस दिशा में अब आगे बढ़ चुका है, यही वजह है कि अब इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग बढ़ने लगा है। अब अगर आने वाले दिनों में बायोगैस से गाड़ियां चलने लगेंगी, तो यह देश की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण दोनों के लिए ही सुखद रहेगा।

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Shreya

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