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Pegasus Case: पेगासस मामले पर SC ने लगाई फटकार, कार्रवाई न करने पर पूछा ये सवाल
पेगासस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच कर रही है। ये सुनवाई कुल 9 याचिकाओं पर हो रही है।
Pegasus Snooping Case: राजनीतिक गलियारे में बहुचर्चित पेगासस कथित जासूसी मामले पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई। इनमें एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और वरिष्ठ पत्रकारों एन. राम तथा शशि कुमार द्वारा दी गई अर्जियां भी शामिल हैं। याचिका दायर करने वाले वकील एमएल शर्मा को सुनवाई की शुरुआत में ही कोर्ट के तंज का सामना करना पड़ा।
कोर्ट ने कहा कि अगर मीडिया रिपोर्ट्स सही हैं तो ये आरोप काफी गंभीर हैं। मामले में जनहित याचिका दाखिल करने वाले वकील एम एल शर्मा ने सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल को रोका तो CJI ने इस पर आपत्ति जताई।CJI रमना ने शर्मा से कहा कि 'आपकी याचिका में अखबारों की कटिंग के अलावा क्या डिटेल है?
बता दें कि इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच कर रही है। ये सुनवाई कुल 9 याचिकाओं पर हो रही है जिसमें पत्रकार एन. राम और शशिकुमार, सीपीएम के राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास और वकील एमएल शर्मा की याचिकाएं शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कही और सुनी गई बातों का कुछ अंश-
CJI- किसी ने सरकार को कॉपी दी है
श्याम दीवान- हमने दी है
CJI- बाकी लोग भी सरकार को कॉपी दें। पहले सरकार की तरफ से किसी को पेश होने दीजिए। फिर नोटिस जारी करने पर विचार करेंगे। 10 अगस्त को मामला लगाया जा रहा है
एम एल शर्मा- पेगासस कैमरा, माइक सब पर नियंत्रण करता है। NSO ने कैलिफोर्निया कोर्ट में बोला कि वह इसे खुद किसी के फोन में नहीं डालता। सरकारों को बेचता है।
CJI- यह बातें सिब्बल कह चुके हैं
(अब दोनों जज आपस में विचार कर रहे हैं)
द्विवेदी- एक बाहर की कंपनी शामिल है। अगर सरकार ने स्पाईवेयर नहीं लिया तो किसने लिया? कश्मीर के किसी आतंकवादी की जासूसी नहीं हुई कि इसे सही कह दें
वरिष्ठ वकील अरविंद दातार- IT एक्ट की धारा 43 के तहत हम मुआवजा मांग सकते हैं। लेकिन बिना जांच के कैसे पता चलेगा कि ज़िम्मेदार कौन है
ADR के जयदीप छोकर के वकील श्याम दीवान- छोकर के फोन की जासूसी हुई। फ्रांस और अमेरिका की सरकारें इसे गंभीरता से ले चुकी हैं। हम भी इसकी उपेक्षा नहीं कर सकते
वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी- भारत में कम से कम 40 पत्रकारों की जासूसी हुई है। किसी एक व्यक्ति के फोन टैपिंग का मसला नहीं है।
वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोड़ा- फ्रेंच संस्था और कनाडा के लैब के प्रयास से नया खुलासा हुआ है। लोगों को जानने का हक है कि भारत में इसका किसने और किस पर इस्तेमाल किया? जांच हो?
CJI- अगर आप को पक्का पता है कि आपके फोन की जासूसी हुई तो आपने कानूनन FIR दर्ज क्यों नहीं करवाई?
सिब्बल- अभी पता चला कि कोर्ट के रजिस्ट्रार और एक पूर्व जज का नंबर भी निशाने पर था। यह स्पाईवेयर मोबाइल का कैमरा और माइक ऑन कर के सभी निजी गतिविधियों को लीक करता है
वरिष्ठ वकील सी यू सिंह- जुलाई में लिस्ट सामने आई कि किन की जासूसी हुई
सिब्बल- संसद में ओवैसी के सवाल पर मंत्री मान चुके हैं कि भारत मे 121 लोगों को निशाने पर लिया गया था। आगे की सच्चाई तभी पता चलेगी जब कोर्ट सरकार से जानकारी ले।
CJI- हमारे इस सवाल का जवाब नहीं मिला कि 2 साल बाद मामला क्यों उठाया जा रहा है?
सिब्बल- सिटीजन लैब ने नए खुलासे किए हैं
सिब्बल ने व्हाट्सऐप और NSO के बीच कैलिफोर्निया कोर्ट में मुकदमे का हवाला दिया। कहा- पेगासस जासूसी करता है, यह साफ है। भारत में किया या नहीं, इसका सवाल है
CJI- हमें नहीं लगता कि कैलिफोर्निया कोर्ट में भी यह बात निकल कर आई है कि भारत में किसी की जासूसी हुई।
CJI- हम मानते हैं कि यह एक गंभीर विषय है। लेकिन एडिटर्स गिल्ड को छोड़ कर सारी याचिकाएं अखबार पर आधारित हैं। जांच का आदेश देने के लिए कोई ठोस आधार नहीं दिख रहा। यह मसला 2019 के बाद अचानक फिर गर्म हो गया है
CJI- आप सभी पढ़े लिखे हैं। जानते हैं कि SC कैसे मामलों में दखल देता है
जस्टिस सूर्य कांत- आपने CBI को शिकायत भेजी। अगले दिन ही याचिका भी दाखिल कर दी। इसे कैसे देखा जाए?
CJI- पहले हमें सिब्बल को सुनने दीजिए
सिब्बल- यह टेक्नोलॉजी के ज़रिए निजता पर हमला। सिर्फ एक फोन की ज़रूरत और हमारी एक-एक गतिविधि पर नज़र। यह राष्ट्रीय इंटरनेट सुरक्षा का भी सवाल है
SC में पेगासस पर सुनवाई शुरू। कपिल सिब्बल, श्याम दीवान, एम एल शर्मा दिख रहे हैं
शर्मा और सिब्बल दोनों ने पहले बोलने की अनुमति मांगी
CJI- मिस्टर शर्मा आपकी याचिका में अखबार की कतरन के अलावा क्या है? हम क्यों इसे सुनें?
ADR के जयदीप छोकर के वकील श्याम दीवान- छोकर के फोन की जासूसी हुई। फ्रांस और अमेरिका की सरकारें इसे गंभीरता से ले चुकी हैं। हम भी इसकी उपेक्षा नहीं कर सकते
वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी- भारत में कम से कम 40 पत्रकारों की जासूसी हुई है। किसी एक व्यक्ति के फोन टैपिंग का मसला नहीं है।
केंद्र सरकार को नोटिस देने सुप्रीम कोर्ट का इनकार
बता दें कि पेगसिस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फ़िलहाल केंद्र सरकार को नोटिस देने इनकार किया है। याचिककर्ता से पूछा क्या सबूत है कि जासूसी हुई ? कपिल सिब्बल बोले, कोई सबूत नहीं है, लेकिन मामले की जाँच हो, 10 अगस्त को अगली सुनवाई।