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Pegasus Sunvaee: पेगासस जासूसी पर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी, जानें सरकार ने क्या दी दलील

पेगासस जासूसी मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा निजी तौर पर जो फोन टैपिंग के आरोप लगाए जा रहे है वह सही हैं या फिर गलत

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Newstrack NetworkPublished By Raghvendra Prasad Mishra
Published on: 13 Sep 2021 9:35 AM GMT
Supreme Court
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सुप्रीम कोर्ट (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

नई दिल्ली: पेगासस जासूसी (Pegasus jasoosi) विवाद में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज सख्त रुख अख्तियार किया है। शीर्ष अदालत सरकार की तरफ से दी गई दलील से सहमत नहीं दिखी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यह जानना चाहा कि इस मामले में सरकार की तरफ से अब तक क्या किया गया। साथ ही कोर्ट ने सरकार से पूछा कि इस मामले में अब तक एफिडेविट क्यों नहीं दाखिल की गई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

वहीं सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की तरफ से किए गए सवालों पर सरकार की तरफ से कहा गया कि हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दिते हुए कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में एफिडेविट दाखिल नहीं कर सकते। सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले में एफिडेविट के माध्यम से बात नहीं रखी जा सकती। इस मामले में एफिडेविट दाखिल करना और फिर उसे सार्वजनिक करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं है।

उन्होंने कहा कि ऐसा करने से आतंकियों को यह जानने का मौका मिल सकता है कि हम किस साफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं। सरकार के इस तर्क पर सुप्रीम कोर्ट ने असहमति जताते हुए कहा कि हम राष्ट्रीय सुरक्षा के आपके तर्क को समझते हैं। साथ उन्होंने कहा कि हमने पहले ही कहा है कि सरकार को इस पर कुछ बताने की जरूरत नहीं है। लेकिन यहां हम यह जानना चाहते हैं कि निजी तौर पर जो फोन टैपिंग के आरोप लगाए जा रहे है वह सही हैं या फिर गलत। मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस सूर्यकांत ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि पिछली बार भी आपकी तरफ से राष्ट्रीय सुरक्षा का तर्क दिया गया था, जिस पर कहा गया था कि इस मामले में कोई अन्य किसी तरह का दखल नहीं दे सकता। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि हम आपसे व्यक्तिगत तौर पर लोगों के फोन हैक किए जाने के आरोपों पर जवाब मांग रहे हैं।

Raghvendra Prasad Mishra

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