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अलर्ट PF खाताधारक: करोड़ों कर्मचारियों की उड़ी नींद, अब विपक्ष ने भी उठाई माँग
PF Intrest Rate Alert: पीएफ ब्याज दर में घटोत्तरी के फैसले के चलते करोड़ो कर्मचारियों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
PF Intrest Rate Alert: कर्मचारी भविष्य जमा निधि (EPF) की ब्याज दरों में बीते दिन सुनिश्चित की गई भारी कटौती के बाद से भाजपा सरकार के खिलाफ मामले पर पुनर्विचार को लेकर कर्मचारियों की मांग तेज हो गई है। केंद्र सरकार द्वारा गठित केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) ने पीएफ की ब्याज दरों को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए रिकॉर्ड स्तर पर घटाने को लेकर बीते दिन गुवाहाटी में आयोजित बैठक में अंतिम मुहर लगा दी।
ऐसे में इस सूचना के सामने आने के बाद से लगातार लोगों का गुस्सा भाजपा सरकार के खिलाफ फूट रहा है। आपको बता दें कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में पीएफ ब्याज दर 8.5 प्रतिशत थी, जिसे बीते 40 साल के रिकॉर्ड स्तर तक घटाकर 8.1 प्रतिशत कर दिया गया है।
भाजपा ने दिखाया असली रंग - भाकपा सांसद
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) राज्यसभा सांसद बिनॉय विश्वम ने ईपीएफ की ब्याज दरों में जारी घटोत्तरी के निर्णय के बाद के केंद्र सरकार के इस फैसले को पूर्ण रूप से गैर-ज़िम्मेदाराना करार दिया है। इसी के साथ उन्होनें वित्त मंत्री को चिट्ठी लिख अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है।
दिख रही कर्मचारियों की नाराजगी
केंद्र सरकार द्वारा लिए गए पीएफ ब्याज दर में घटोत्तरी के फैसले के चलते करोड़ो कर्मचारियों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिसके चलते भारी संख्या में। कर्मचारियों ने इस निर्णय के खिलाफ अपना विरोध प्रकट करना शुरू कर दिया है। विरोध जारी रखते हुए कर्मचारियों की मांग है कि इस फैसले पर दोबारा से विचार किया जाए। हालांकि आपको बता दें कि CBT के फैसले के बाद प्रस्ताव को अंतिम मंज़ूरी हेतु वित्त मंत्री के भेज दिया गया है।
कर्मचारियों पर पड़ेगा असर
अभीतक कर्मचारियों को उनकी जमा ईपीएफ में 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर प्राप्त हो रही थी, जिसे अब घटाकर 8.1 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है। सरकार के इस निर्णय के चलते कर्मचारियों की तनख्वाह से प्रतिमाह कटने वाली पीएफ की ब्याज दर में कमी होने से लंबे समय में भारी अंतर देखने को मिलेगा, जिसके खिलाफ ही कर्मचारी संगठन अपना विरोध जारी कर रहा है।
ब्याज दरों में घटोत्तरी का प्रमुख कारण
कर्मचारी भविष्य जमा निधि संगठन (EPFO) कई मायनों में पीएफ की ब्याज दर घटाने को लेकर मजबूर भी है और इसका कारण यह है कि EPFO के पास इकट्ठा पैसे को वह शेयर बाज़ार और अन्य जगहों में भी बड़े रिटर्न की आस में निवेश करता है, लेकिन बीते समय में महामारी और तमाम अनियमितताओं के चलते अच्छे रिटर्न ना मिलने के अनुमान के तहत भी यह फैसला लिया गया हो सकता है।
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