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Pig Heart Transplant In Human: इनसान में सुअर का दिल, 1997 में भारतीय सर्जन के प्रयोग पर हुआ था जबरदस्त विवाद

Pig Heart Transplant In Human: अमेरिका के डॉक्टरों ने एक इंसान में सुअर के दिल का सफल प्रत्यारोपण करने का दावा किया है। इसकी काफी चर्चा है। जबकि 25 साल पहले भारत के एक सर्जन ने भी यही प्रयोग किया था और तब इसे लेकर बहुत विवाद हुआ था।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shreya
Published on: 11 Jan 2022 10:56 AM IST
Pig Heart Transplant In Human: इनसान में सुअर का दिल, 1997 में भारतीय सर्जन के प्रयोग पर हुआ था जबरदस्त विवाद
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(प्रतीकात्मक फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Pig Heart Transplant In Human: इंसानों में पशुओं के अंगों का प्रत्यारोपण (Animal Heart Transplant Into Humans) हमेशा से कौतूहल और प्रयोग का विषय रहा है। अब अमेरिका के डॉक्टरों ने एक इंसान में सुअर के दिल का सफल प्रत्यारोपण करने का दावा किया है। इसकी काफी चर्चा है। जबकि 25 साल पहले भारत के एक सर्जन ने भी यही प्रयोग किया था और तब इसे लेकर बहुत विवाद हुआ था।

हुआ ये था कि 1997 में असम के एक प्रत्यारोपण सर्जन डॉ धनी राम बरुआ (Dr. Dhani Ram Baruah) ने हांगकांग के सर्जन डॉ जोनाथन हो केई-शिंग (Jonathan Ho Kei-shing) के साथ मिलकर गुवाहाटी में एक सुअर के हृदय और फेफड़े का प्रत्यारोपण एक इंसान (Pig Heart And Lung Transplant Into Human) में कर दिया था। ये ऑपरेशन गुवाहाटी के पास सोनपुर में स्थित धनी राम बरुआ हार्ट इंस्टीट्यूट (Dr. Dhani Ram Baruah Heart Institute) में किया गया था। इस प्रत्‍यारोपण के बाद वह मरीज चंद दिनों तक जीवित रहा था।

(सांकेतिक फोटो साभार- सोशल मीडिया)

ट्रांसप्लांट पर हुआ था जबरदस्त बवाल

इस प्रत्यारोपण की खबर सामने आते ही बखेड़ा खड़ा हो गया और दोनों डॉक्टरों को गैर इरादतन हत्या और मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994 के आरोपों तहत गिरफ्तार कर लिया गया और 40 दिनों के लिए जेल में डाल दिया गया। असम सरकार की जांच में पाया गया कि यह प्रत्यारोपण प्रक्रिया अनैतिक थी। ये भी पता चला कि डॉ धनीराम हार्ट इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर ने प्रत्यारोपण कानूनों (Transplant Law) के तहत न तो आवेदन किया था और न ही पंजीकरण कराया था।

इस विवाद से पहले डॉ बरुआ एक ऐसे हार्ट सर्जन (Cardiac Surgeon) थे जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली हुई थी। डॉ बरुआ को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) और असम के मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया (Hiteswar Saikia) ने असम में एक ओपन हार्ट सर्जरी क्लिनिक (Open Heart Surgery Clinic) स्थापित करने के लिए आग्रह तक किया था। डॉ बरुआ ने एक हार्ट वाल्व (Heart Valve) डेवलप किया था और 1989 उस वाल्व के उत्पादन के लिए मुंबई में एक फैक्ट्री भी स्थापित की।

कई नए अनोखे शोध करने का दावा

बहरहाल, प्रत्यारोपण विवाद के बाद डॉ बरुआ दो साल तक अपने परिसर तक ही सीमित रहे। लेकिन उसके बाद उन्होंने कई नए अनोखे शोध करने का दावा जारी रखा। 2008 में डॉ बरुआ ने एक जेनेटिकली इंजीनियर वैक्सीन विकसित करने का दावा किया था जो जन्मजात हृदय दोषों को ठीक कर सकती थी। 2015 में डॉ बरुआ ने दावा किया कि उन्होंने एचआईवी एड्स का इलाज खोज लिया है। उन्होंने दावा किया कि वे 86 लोगों को ठीक कर चुके हैं। अब डॉ बरुआ गुवाहाटी से 20 किलोमीटर दूर सोनापुर नामक स्‍थान पर 'हार्ट सिटी' नामक संस्थान चला रहे हैं। यह संस्थान करीब 50 एकड़ में फैला हुआ है।

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