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कैबिनेट विस्तारः अजय भट्ट इन, निशंक आउट, गढ़वाल को झटका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट विस्तार में उत्तराखंड के लिए आज मिला जुला दिन रहा।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट विस्तार में उत्तराखंड के लिए आज मिला जुला दिन रहा। केंद्रीय मंत्रिमंडल में मानव संसाधन विकास मंत्री रहे डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को आज जहां पद से हाथ धोना पड़ गया वहीं युवा चेहरे अजय भट्ट को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया। इस फेरबदल से उत्तराखंड में जहां गढ़वाल मंडल की लॉबी सदमे में है वहीं कुमाऊं मंडल को तरजीह स्पष्ट हो गई है। वरिष्ठ सूत्रों का कहना है कि निशंक को उत्तराखंड के भावी चुनाव को देखते हुए कोई बड़ी भूमिका दी जा सकती है।
पहाड़ी राज्य में मोदी कैबिनेट के आज के विस्तार को लेकर तमाम लोगों को उम्मीद थी कि गढ़वाल मंडल से किसी ठाकुर नेता को शामिल किया जा सकता है। लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं होने से गढ़वाली खेमा थोड़ा हताश और निराश है। हालांकि सौम्य और मृदुभाषी अजय भट्ट के लिए लोगों को उम्मीद थी कि उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलेगा लेकिन राज्यमंत्री बनाए जाने पर भी कुमाऊं लॉबी में खुशी की लहर है। लोगों का मानना है कि अजय भट्ट को पहाड़ की सबसे टफ सीट नैनीताल से हरीश रावत जैसे कद्दावर नेता को हराने का इनाम मिला है। हालांकि यह देर से हुआ है लेकिन इसमें उनके धैर्य की अहम भूमिका रही। एक समय मीडिया में उनको मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताने की भी खबरें चली थीं लेकिन उन्होंने विनम्रता से इस सबका खंडन करते हुए कहा था कि नहीं भाई मैं जहां हूं ठीक हूं।
नैनीताल के सांसद अजय भट्ट को प्रदेश में भाजपा संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है। भट्ट प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं। वह पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान नेता प्रतिपक्ष थे। पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन में उनके योगदान को सराहा जाता है। यह अलग बात है कि वह नैनीताल जिले की रानीखेत विधानसभा सीट से 2017 में चुनाव हार गए थे। दो साल बाद ही 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने नैनीताल संसदीय सीट से भारी बहुमत से जीत दर्ज की। वर्तमान में मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री के रूप में अजय भट्ट कुमाऊं मंडल के जरिये उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
रमेश पोखरियाल निशंक से शिक्षा मंत्री पद से इस्तीफा लिया जाना बहुतों के लिए चौंकाने वाला रहा। विश्लेषकों का कहना था कि नई शिक्षा नीति से लेकर कोविड में ऑनलाइन परीक्षा, सीबीएसई 12 वीं एग्ज़ाम मसला सुलझाने से लेकर उनके तमाम काम गिनाए जा रहे थे फिर उनकी छुट्टी एक झटका है। हालाँकि निशंक के ओएसडी अजय बिष्ट ने इसके पीछे स्वास्थ्य संबंधी कारण बताए हैं। फिर भी एक वर्ग का मानना है कि निशंक को उत्तराखंड के आगामी चुनाव को देखते हुए मुक्त किया गया है ताकि इस पहाड़ी राज्य में भाजपा की सरकार को रिपीट करने का माहौल तैयार किया जा सके।