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PM Modi Ka Bhashan: पीएम मोदी ने चला ब्राह्मण कार्ड, कांग्रेस के पूर्व सीएम श्रीपति मिश्र के अपमान का उठाया मुद्दा
PM Modi Ka Bhashan: सुल्तानपुर में आज पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के उद्घाटन समारोह में जनता को संबोधित करते हुए अपने भाषण में पीएम नरेन्द्र मोदी ने पूर्व मुख्यमंत्री श्रीपति मिश्र के नाम लेते हुए कहा कि उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया गया। सियासी जानकारों का कहना है कि पीएम मोदी ने यूपी में ब्राह्मण कार्ड खेल दिया है।
PM Modi Ka Bhashan: सुल्तानपुर (PM Modi Ka Bhashan Sultanpur) में आज पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन (Inauguration of Purvanchal Expressway) करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने विपक्ष पर बड़ा सियासी हमला बोला। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का नाम लिए बिना उन्होंने इशारे में हमला करते हुए कहा कि वे मेरे बगल में खड़े होने से भी डरा करते थे क्योंकि उन्हें अपने वोट बैंक (Vote Bank) के खिसकने का हमेशा डर सताता रहता था। उन्होंने कांग्रेस (Congress) और सपा के परिवारवाद (familialism) का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली (Delhi) और लखनऊ (Lucknow) की सरकारों ने उत्तर प्रदेश के लोगों को विकास का वह मौका नहीं दिया जिनके कि वे हकदार थे।
प्रधानमंत्री के भाषण (prime minister's speech) का एक उल्लेखनीय पहलू उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री श्रीपति मिश्र (Former Chief Minister Shripati Mishra) का नाम का उल्लेख करना रहा। उन्होंने सुल्तानपुर जिले के रहने वाले कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री श्रीपति मिश्र के नाम का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया गया। सियासी जानकारों का कहना है कि श्रीपति मिश्र के नाम का उल्लेख करके प्रधानमंत्री मोदी ने यूपी में ब्राह्मण कार्ड (brahmin card) खेल दिया है।
मुख्यमंत्री को बताया कर्मयोगी (karma yogi)
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के लोकार्पण के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली और लखनऊ की डबल इंजन सरकारों के दम पर प्रदेश में तेजी से हो रहे विकास का कई बार जिक्र किया। उन्होंने यूपी में तेजी से हो रहे विकास का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को कर्म योगी बताया। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों के लिए विकास सिर्फ उन क्षेत्रों से तक ही सीमित था जहां उनका परिवार था मगर भाजपा (BJP) की सरकार बनने के बाद पूर्वांचल में विकास के कामों में तेजी पकड़ी है। योगी सरकार की ओर से भले ही एक्सप्रेस वे पर 22,000 करोड रुपए खर्च किए गए हैं मगर आने वाले दिनों में यह एक्सप्रेसवे हजारों करोड़ों रुपए का निवेश लाने में मदद करेगा।
साथ खड़े होने से भी डरते थे अखिलेश यादव
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2014 में देश की सेवा का अवसर मिलने के बाद प्रदेश का सांसद होने के नाते मैं उत्तर प्रदेश में विकास की गति को तेज करना चाहता था मगर उस समय लखनऊ में सत्तारूढ़ सरकार ने मेरा साथ नहीं दिया। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का नाम लिए बिना प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें मेरे साथ खड़े होने में भी डर लगता था। इसका कारण यह था कि उन्हें अपना वोट बैंक खिसकने का डर सताता रहता था। वे हवाई अड्डे पर मेरा स्वागत करने के बाद कहीं गुम हो जाया करते थे। मेरे साथ रहने में शर्म महसूस होने का ठोस कारण भी था क्योंकि उनके पास मुझे बताने के लिए कुछ भी नहीं था।
अप्रत्याशित रूप से श्रीपति मिश्रा का उल्लेख
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के दौरान अप्रत्याशित रूप से कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री श्रीपति मिश्र के नाम का उल्लेख किया। उन्होंने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (Samajvadi Party) को परिवारवादी बताते हुए कहा कि श्रीपति मिश्र को उचित सम्मान नहीं दिया गया। सियासी जानकारों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीपति मिश्र के अपमान का मुद्दा काफी सोच-समझकर उठाया। इसके जरिए उन्होंने ब्राह्मण कार्ड खेल लिया है।
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों की ओर से ब्राह्मणों को लुभाने की कोशिश की जा रही है। विपक्षी दलों की ओर से ब्राह्मण सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है। भाजपा भी ब्राह्मणों को लुभाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहती है और यही कारण है कि पीएम मोदी ने काफी सोच समझकर श्रीपति मिश्र के नाम का उल्लेख किया।
ब्राह्मणों को साधने की पीएम मोदी (PM Modi) की कोशिश
किसी जमाने में कांग्रेस की राजनीति में श्रीपति मिश्र का अच्छा खासा दबदबा था मगर बाद में वे सियासी रूप से उतने मजबूत नहीं रह गए। माना जा रहा है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़ी ताकत रखने वाले ब्राह्मणों को साधने के लिए ही पीएम मोदी ने श्रीपति मिश्र (Shripati Mishra) के नाम का उल्लेख किया। 1982 में विश्वनाथ प्रताप सिंह के इस्तीफे के बाद श्रीपति मिश्र को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था। हालांकि बाद में उनकी राजीव गांधी और अरुण नेहरू से ट्यूनिंग नहीं बैठ सकी और इस कारण उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा। यही कारण है कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के उद्घाटन मंच से पीएम मोदी ने श्रीपति मिश्र के नाम का उल्लेख करके ब्राह्मणों को साधने का बड़ा सियासी दांव खेला।
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