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YUVA Scheme: पीएम मोदी ने लॉन्च की खास योजना, मिलेगा 50 हजार रुपये महीना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवा (YUVA) योजना लॉन्च किया है। जिसके जरिए आप 50 हजार रुपये हर महीने कमा सकते हैं। लेकिन आपकी उम्र 30 साल से कम होनी चाहिए।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 9 Jun 2021 2:11 PM GMT (Updated on: 9 Jun 2021 2:16 PM GMT)
पीएम मोदी ने लॉन्च की खास योजना, मिलेगा 50 हजार रुपये महीना
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पीएम नरेंद्र मोदी, फाइल फोटो, साभार-सोशल मीडिया

अगर आपको पढ़ने-लिखने का शौक है तो आपके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक योजना लॉन्च किया है। इस योजना का नाम युवा (YUVA) है। जिसके जरिए आप 50 हजार रुपये हर महीने कमा सकते हैं, लेकिन आपकी उम्र 30 साल से कम होनी चाहिए। दरअसल केंद्र सरकार युवा (YUVA) योजना के जरिए भारतीय विरासत और इतिहास को बढ़ावा देना चाहती है। जो युवा लेखक बनना चाहते हैं और उन्हें अभी तक कोई सही प्लेटफार्म नहीं मिला है तो वह इसके लिए अपनी काबिलियत सिद्ध कर सकते हैं।

दरअसल जब युवा ग्रेजुएशन कर लेता है तो उसके सामने कई रास्ते होते हैं कि अपना करियर बनाने के लिए कौन सा रास्ता चुने। इसी में कुछ डॉक्टर बनना चाहते हैं तो कुछ इंजीनियर, कुछ आईएएस, आईपीएस और लेकिन कुछ युवा ऐसे भी होते हैं, जिनकी कलम में धार होती है और वह लेखक बनना चाहते हैं। उन्हें जब सही प्लेटफॉर्म नहीं मिलता तो उनकी काबिलियत दम तोड़ देती है। इसी को संजोने के लिए केंद्र सरकार ने एक पहल की है। इस योजना के जरिए वह अपनी विरासत और इतिहास को संजोएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को इस बारे में ट्वीट करते हुए कहा कि यह योजना युवाओं को लेखन के जरिए से देश के बौद्धिक डिसकोर्स में योगदान देने के लिए एक दिलचस्प अवसर देती है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर एक लिंक भी शेयर किया है, जिसमें योजना के बारे में पूरी जानकारी है।


इस योजना के बारे में सरकार के ट्विटर अकाउंट '@MyGovHindi' ने बताया है कि योजना के अंतर्गत 75 चयनित लेखकों को 50 हजार रुपये महीने की छात्रवृत्ति दी जाएगी। ट्वीट में कहा गया है, ''क्या आप एक लोकप्रिय लेखक बनना चाहते हैं? नवोदित लेखकों को परामर्श व प्रशिक्षण हेतु प्रधानमंत्री की YUVA योजना से जुड़ें. 75 चयनित लेखकों को 50,000 रुपये /माह की छात्रवृत्ति मिलेगी।


इस योजना में बताया गया है कि देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे करने की दिशा की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में यह योजना भारतीय साहित्य के आधुनिक राजदूतों को विकसित करने की कल्पना करती है। बता दें पुस्तक प्रकाशन के क्षेत्र में हमारा देश तीसरे स्थान पर है और स्वदेशी साहित्य के इस खजाने को और बढ़ावा देने के लिए, यह जरूरी है कि हम इसे वैश्विक स्तर पर पेश करें।

Rahul Singh Rajpoot

Rahul Singh Rajpoot

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