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तीनों कृषि कानून वापस: सियासी नुकसान की आशंका से पीएम मोदी का बड़ा फैसला,यूपी चुनाव को लेकर भाजपा सतर्क

PM Modi ne wapis liye teen krish kanun: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरु नानक देव जी की जयंती के मौके पर तीनों कृषि कानून वापस लेने का बड़ा एलान किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इन कानूनों को कुछ किसानों को समझाने में नाकाम रहे।

Anshuman Tiwari
Report Anshuman TiwariPublished By Deepak Kumar
Published on: 19 Nov 2021 4:57 AM GMT
PM Narendra Modi
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पीएम नरेंद्र मोदी (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज गुरु नानक देव जी की जयंती (Guru Nanak Dev ji birth anniversary) के मौके पर तीनों कृषि कानून वापस लेने का बड़ा एलान (Announcement to withdraw all three agriculture laws) किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार गांव, गरीब और किसानों के हित में यह कानून लेकर सामने आई थी मगर हम इस मुद्दे पर कुछ किसानों को समझाने में नाकाम रहे। बातचीत के जरिए भी इस मुद्दे को सुलझाया नहीं जा सका और मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) तक पहुंच गया। शायद हमारी तपस्या में ही कोई कमी रह गई जिसकी वजह से हम किसानों को इस मुद्दे पर समझाने में नाकाम साबित हुए। उन्होंने आंदोलनरत किसानों (Kisan Andolan) से घर लौटने की अपील करते हुए कहा कि अब नई शुरुआत करने का वक्त आ गया है।

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के तीन दिवसीय दौरे पर निकलने से पूर्व प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) की ओर से की गई इस घोषणा को सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) को अगले साल उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ना (Assembly Election 2022) है और किसानों की नाराजगी भाजपा के लिए इन चुनावों में महंगी पड़ सकती थी।

भाजपा (BJP) खासकर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Election 2022) को लेकर ज्यादा सतर्क है क्योंकि उसे पता है कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर ही जाता है। कृषि कानूनों की वजह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western Uttar Pradesh) में भाजपा को बड़ा सियासी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही थी। माना जा रहा है कि इसी कारण पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने उत्तर प्रदेश के दौरे पर निकलने से पूर्व गुरु पर्व के महत्वपूर्ण मौके पर यह बड़ा एलान किया है।

बेनतीजा रही कई दौर की बातचीत

केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से पारित 3 नए कृषि कानूनों को के खिलाफ पिछले एक साल से किसान संगठनों ने आंदोलन छेड़ रखा है। किसान संगठनों की ओर से पीएम मोदी (PM Narendra Modi) की ओर से की गई घोषणा को किसान आंदोलन (Kisan Andolan) की जीत बताया गया है। किसानों को मनाने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से कई दौर बातचीत की गई मगर इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल सका।

सरकार कृषि कानूनों (Announcement to withdraw all three agriculture laws) में संशोधन के लिए तो तैयार थी मगर सरकार (BJP Government) की ओर से कृषि कानूनों को वापस लेने से इनकार कर दिया गया था। दूसरी ओर किसान संगठन कृषि कानूनों को पूरी तरह वापस लेने की मांग पर अड़े हुए थे। दोनों पक्षों के अपने-अपने रुख पर अड़े रहने के कारण इस मुद्दे का पिछले एक साल से कोई समाधान नहीं निकल पा रहा था।

पीएम ने माना: किसानों को समझाने में रहे नाकाम

पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि कृषि क्षेत्र में सुधार के मकसद से तीनों कृषि कानून (Announcement to withdraw all three agriculture laws) लाए गए थे। हमारी कोशिश है कि छोटे किसानों को और ताकत दी जाए। इसके साथ ही हम किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य भी दिलाना चाहते थे। सालों से देश के किसानों, अर्थशास्त्रियों और कृषि जगत से जुड़े हुए लोगों की ओर से कृषि क्षेत्र में सुधार की मांग की जा रही थी और किसानों की हालत सुधारने के लिए ही हमारी सरकार की ओर से तीनों नए कृषि कानून लाए गए थे। इस मुद्दे पर संसद में चर्चा भी हुई थी। देश के कई किसान संगठनों की ओर से इन कानूनों का समर्थन भी किया गया था मगर कुछ किसान संगठन इसके खिलाफ थे। पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि हम इतनी पवित्र बात कुछ किसानों को समझाने में नाकाम रहे और इसी कारण हमारी सरकार ने इन तीनों कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है।

पंजाब और पश्चिमी यूपी में बड़ा विरोध

इन कृषि कानूनों का देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध किया जा रहा था मगर खासतौर पर पंजाब (Punjab), हरियाणा (Haryana) और पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western Uttar Pradesh) से जुड़े हुए किसान खुलकर इन कृषि कानूनों के खिलाफ (Announcement to withdraw all three agriculture laws) सामने आ गए थे। उत्तर प्रदेश और पंजाब दोनों ही राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को अगले साल विधानसभा चुनाव लड़ना है। दोनों ही राज्यों में इन कृषि कानूनों के चलते भाजपा को बड़ा सियासी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही थी। पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western Uttar Pradesh) में भाजपा के कई नेताओं को किसानों के प्रबल विरोध का सामना करना पड़ा है। इसलिए सरकार की ओर से यह बड़ा फैसला किया गया है।

शीर्ष स्तर पर मंथन के बाद बड़ा फैसला

माना जा रहा है कि भाजपा (BJP) में शीर्ष स्तर पर कई दिनों से इस पर मंथन चल रहा था। उत्तर प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर निकलने से पहले प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) ने यह बड़ा एलान करके किसानों की नाराजगी दूर करने की कोशिश की है। इसके साथ ही आज गुरु नानक देव की जयंती (Guru Nanak Dev ji birth anniversary) भी है और प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) ने इस ओर स्पष्ट तौर पर इशारा भी किया।

उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव की जयंती (Guru Nanak Dev ji birth anniversary) के पवित्र दिन हम यह बड़ा फैसला ले रहे हैं और अब किसानों को घर लौट कर खेती किसानी के काम में जुट जाना चाहिए। इसके जरिए पंजाब के किसानों के घावों पर मरहम लगाने की कोशिश की गई है। माना जा रहा है कि पीएम के इस एलान से भाजपा किसानों की नाराजगी कुछ हद तक दूर करने में जरूर कामयाब होगी।

Deepak Kumar

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