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PM Modi Security Breach: पीएम सुरक्षा में अगर कोताही हुई थी तो जिम्मेदार कौन, कांग्रेस MP मनीष तिवारी की खरी-खरी
PM Modi Security Breach: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक मुद्दे पर अब कांग्रेस पार्टी के भीतर ही विरोधी सुर उठने लगे हैं। आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने इस मामले की जांच की मांग की है।
PM Modi Security Breach: PM की सुरक्षा में चूक पर कांग्रेस MP मनीष तिवारी की खड़ी-खड़ी, 'अगर कोताही हुई थी, तो जिम्मेदार कौन'प्रधानमंत्री (Prime minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सुरक्षा में चूक मुद्दे पर अब कांग्रेस पार्टी के भीतर ही विरोधी सुर उठने लगे हैं। आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने इस मामले की जांच की मांग की है। तिवारी ने कहा, कि संबंधित मामले की जांच हाईकोर्ट (High Court) या सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के न्यायाधीश (justice) के नेतृत्व में होनी चाहिए।
एक राष्ट्रीय समाचार चैनल से बात करते हुए मनीष तिवारी ने पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक मुद्दे पर दुख जताया है। बता दें, कि पंजाब में पीएम की सुरक्षा में खामी के इसी मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इसके अलावा, पंजाब सरकार ने भी केंद्रीय गृह मंत्रालय को जांच संबंधी जानकारी दी है।
राज्य और केंद्र के अलग-अलग जांच पर जताया दुख
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने आज कहा, 'जो फिरोजपुर में हुआ, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था। यह वाकया दुखद था। ऐसा नहीं होना चाहिए था। आश्चर्य की बात है कि पंजाब सरकार ने घटना को संज्ञान लेने के लिए जांच का आदेश दिया है और केंद्र सरकार ने एक और जांच का आदेश दिया है। यह इस बात का प्रतीक है, कि हम किस तरह की सियासी पृष्ठभूमि में आज जी रहे हैं, कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर भी हमारे में एकता या एकीकरण नहीं हो सका है।'
...ताकि पूरा घटनाक्रम सामने आए
सर्वोच्च अदालत में इस मामले की सुनवाई को लेकर मनीष तिवारी ने कहा, कि 'अगर कोर्ट इसे संज्ञान में लेता है, अपने विवेक से और एक जांच होनी चाहिए। वह जांच या तो हाईकोर्ट के वर्तमान जज के निरीक्षण में हो या उच्चतम न्यायालय उचित समझे तो उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में होनी चाहिए। ताकि जो पूरा घटनाक्रम है, बठिंडा से लेकर फिरोजपुर तक उसकी तह में जाया जाए। क्योंकि प्रधानमंत्री की सुरक्षा संसद के कानून के तहत उसका क्रियान्वयन होता है। इसमें एसपीजी की मुख्य भूमिका रहती है। इस पर एक विस्तृत और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, जिससे यह सामने आए कि अगर कोताही हुई थी, तो उसके लिए कौन जिम्मेदार है।'
पीएम की सुरक्षा की तुलना किसी और से सही नहीं
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी बोले, प्रधानमंत्री की सुरक्षा की तुलना किसी अन्य व्यक्ति से करना न्यायोचित नहीं है। उन्होंने कहा, 'जहां तक देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा का संबंध है। वह मामला थोड़ा अलग हो जाता है। देखिए, जहां पर उनका काफिला था। वह भारत की सीमा से केवल 10 किमी की दूरी पर है। पाकिस्तान की भारी तोपें हैं, जो भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात रहती है। हमारी भी तोपें तैनात रहती हैं। उसकी जो रेंज है वह 35-36 किमी ज्यादा होती है। तो इसलिए देश के प्रधानमंत्री की तुलना किसी और की सुरक्षा से करना मेरे विवेक में इस बात को सही नहीं मानता है।'
इसलिए रुकना पड़ा क्योंकि वहां पर प्रदर्शनकारी थे..
पूर्व केंद्रीय मंत्री बोले, 'मैं यह नहीं कहता कि उनकी सुरक्षा में कोई कमी आई थी। लेकिन, वास्तविकता ये है कि उन्हें 20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर रुकना पड़ा। वास्तविकता दूसरी यह है कि इसलिए रुकना पड़ा क्योंकि वहां पर प्रदर्शनकारी थे।'
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने गुरुवार को भी पीएम की सुरक्षा में चूक को लेकर उठे विवाद पर अपनी पार्टी के नेताओं से हटकर बात की थी। उन्होंने तब भी इस मुद्दे पर खेद जताया था और आज भी। हालांकि, ये पहला मुद्दा नहीं है जब मनीष तिवारी ने अपनी पार्टी से हटकर राय रखी है। हाल के महीनों में कई ऐसे मुद्दे रहे हैं जब देश को मनीष तिवारी की बेबाक बोल सुनने को मिली है।