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ओडिशा इतिहास के हिंदी संस्करण को लाॅन्च करेंगे PM मोदी, जानिए खासियत

वह दो साल से ज्यादा 1942-1945 के दौरान रहे अहमदनगर किला जेल में रहे। जहां उन्होंने ‘ओडिशा इतिहास’ नाम की ये किताब लिखी।

APOORWA CHANDEL
Published by APOORWA CHANDEL
Published on: 9 April 2021 4:54 AM GMT
ओडिशा इतिहास के हिंदी संस्करण को लाॅन्च करेंगे PM मोदी, जानिए खासियत
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पीएम मोदी (फोटो-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर 12 बजे अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में 'ओडिशा इतिहास' किताब का हिंदी वर्जन लॉन्च करेंगे। यह किताब 'उत्कल केशरी' डॉ. हरेकृष्ण महताब द्वारा लिखी गई है। अब तक यह किताब लोग उड़िया और अंग्रेजी भाषा में ही मौजूद रही। यह किताब डॉ. हरेकृष्ण महताब की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली किताबों में से एक है। इस किताब का हिंदी अनुवाद शंकरलाल पुरोहित ने किया है।

डॉ. हरेकृष्ण महताब द्वारा लिखी गई किताब 'ओडिशा इतिहास' की लॉन्च को लेकर पीएमओ ने जानकारी साझा की है। हिंदी संस्करण के विमोचन का कार्यक्रम हरेकृष्णा महताब फाउंडेशन आयोजित कर रहा है। जहां इस मौके पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सांसद भर्तृहरि महताब भी मौजूद रहेंगे।

जेल में लिखी 'ओडिशा इतिहास'

बता दें कि डॉ. हरेकृष्ण महताब भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख सेनानी रहे साथ ही उनका नाम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनेताओं में भी शामिल रहा। उन्होंने 1946 से 1950 तक ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में भी काम किया। वह दो साल से ज्यादा 1942-1945 के दौरान रहे अहमदनगर किला जेल में रहे। जहां उन्होंने 'ओडिशा इतिहास' नाम की ये किताब लिखी।

ओडिशा के इतिहास का वर्णन

इस किताब में ओडिशा के इतिहास के बारे में जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि द्रविड़ भाषा में 'ओक्वल' और 'ओडिसु' शब्द का मतलब 'किसान' है। तेलगु भाषा में 'ओडिसु' कहा जाता है। और कन्नड़ भाषा में किसान को 'ओक्कलगार' कहते हैं। इसमें यह भी बताया गया है कि वर्तमान ओडिशा राज्य तीन प्रदेशों औड्र, उत्कल और कलिंग के मिलने से बना है। और भारत के अन्य प्रदेशों की तरह ओडिशा का भी प्राचीन इतिहास वैदिक-पौराणिक युग से शुरू होता है।

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