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PM मोदी का राज्यसभा में अभिभाषण, बोले- हमारे लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा वंशवादी राजनीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इस अभिभाषण में आजादी के अमृत महोत्सव पर अत्यधिक ज़ोर दिया।

Rajat Verma
Report Rajat VermaPublished By Vidushi Mishra
Published on: 8 Feb 2022 1:58 PM IST
Prime Minister Narendra Modi speech
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभिभाषण (फोटो-सोशल मीडिया)

Prime Minister Narendra Modi speech: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को संसद के जारी बजट सत्र के दौरान ही राज्यसभा में अपना अभिभाषण दिया तथा साथ ही इस दौरान उन्होंने बीते 7 सालों में भारतीय जनता पार्टी की केंद्र शासित सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इस अभिभाषण में आजादी के अमृत महोत्सव पर अत्यधिक ज़ोर दिया तथा इसी के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत ने बीते 7 सालों में बेहतर सुधार किया है और जब हम आज़ादी का अमृत महोत्सव यानी आज़ादी के 100 साल का जश्न मना रहे होंगे, उस समय वैश्विक पटल पर देश की स्थित होगी उसको निर्धारित करने का यह सबसे महत्वपूर्ण समय है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्यसभा में अभिभाषण के कुछ प्रमुख बिंदु-

समूचे विश्व ने कोविड महामारी जैसी समस्या और चुनौती बीते सौ सालों में भी नहीं देखी है, हम भी इसी महामारी से जूझ रहे हैं। भारत में अधिकांश लोगों ने कोविड टीके की खुराक ले ली है तथा कई अड़चनों के बावजूद टीके लगने के आंकड़े सराहनीय हैं।

कुछ लोग महामारी के समय भारत के विकास पर सवाल कर रहे हैं, लेकिन वह यह नहीं भूल रहे हैं कि इसी महामारी के दौरान ही 80 करोड़ देशवाशियों को मुफ्त राशन दिया गया है। पानी आपूर्ति के साथ गरीबों के पक्के मकान बने हैं। इन कार्यों के चलते भारत ने दुनिया के सामने एक पुख्ता उदाहरण प्रस्तुत किया है।

हमारा मकसद देश के प्रत्येक वर्ग के लोगों की मदद करना है तथा विपक्ष को भी अपनी मानसिकता बदलने की आवश्यकता है।

मैं इस बात से काफी हद तक अचंभित हूँ कि हमारे कुछ सदन के सदस्यों का कहना है कि भारत में टीकाकरण अभियान कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन हमारा उद्देश्य देश के प्रत्येक नागरिक को महामारी से बचाना है।

कोरोना महामारी से लड़ना भी देश के मज़बूत संघीय ढांचे से जुड़ा हुआ है। हमने देश के हर राज्य के मुख्यमंत्रियों से कोरोना से लड़ने के सम्बंध में चर्चा हेतु 23 बैठकें की हैं। लेकिन मुझे अभी भी मैं इस बात से दुखी हूं कि जब हमने कोरोना महामारी के सम्बंध में सर्वदलीय बैठक बुलाई थी तब कुछ दलों से आने से इनकार कर दिया था।

आयुष्मान भारत योजना के तहत देशभर में 80,000 से अधिक स्वास्थ्य केंद्र मौजूद हैं, जो कि गावों और शहरों में बेहतर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

हम लोकतंत्र में उन लोगों से कोई भी सीख नहीं लेना चाहेंगे जिन्होंने 1975 में लोकतंत्र को ही कुचला दिया था।

हमारे लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा वंशवादी राजनीति को बढ़ावा देने वाले राजनीतिक दल हैं।

जब एक परिवार किसी राजनीतिक दल में अधिक प्रचलित हो जाता है, तो वह निश्चय ही राजनीतिक प्रतिभा को नुकसान पहुंचाता है।

कुछ लोगों का कहना है कि यदि कांग्रेस ने होती तो क्या होता? मेरा जवाब है अगर कांग्रेस नहीं होती तो आपातकाल नहीं होता, जाति की राजनीति नहीं होती, सिखों का कभी नरसंहार नहीं होता, कश्मीरी पंडितों की समस्याएं नहीं होतीं।

जब हमारे राज्य प्रगति करेंगे तभी यकीनन हमारा देश प्रगति करेगा।



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Vidushi Mishra

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