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PM Modi Security Breach: पीएम सुरक्षा चूक में खालिस्तानियों की गंदी करतूत, 50 से ज्यादा वकीलों को इंग्लैंड से आया फोन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक मामले में आज एक नया मोड़ आया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले की जांच के लिए समिति गठित किए जाने के फैसले के बाद सर्वोच्च अदालत के 50 से ज्यादा वकीलों को अंतरराष्ट्रीय नंबर से फोन किया गया है।

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Newstrack NetworkPublished By aman
Published on: 10 Jan 2022 8:46 AM GMT (Updated on: 10 Jan 2022 8:54 AM GMT)
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PM मोदी का काफिला (फोटो-सोशल मीडिया)

PM Modi Security Breach : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक (PM Modi Security Breach) मामले में आज एक नया मोड़ आया। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा मामले की जांच के लिए समिति गठित किए जाने के फैसले के बाद सर्वोच्च अदालत के 50 से ज्यादा वकीलों को अंतरराष्ट्रीय नंबर (International Number) से फोन किया गया है। दावा ये किया जा रहा है, कि ये फोन कॉल्स (Phone Calls) पीएम मोदी (PM Narendra Modi) की सुरक्षा में सेंध मामले से संबंधित थे। फोन करके पीएम की सुरक्षा में सेंध लगाने की जिम्मेदारी सिख फॉर जस्टिस (Sikh for Justice) या SFJ संगठन ने ली है।

बता दें, कि पिछले महीने पंजाब के ही लुधियाना कोर्ट में हुए ब्लास्ट (ludhiana court blast) मामले में भी सिख फॉर जस्टिस (SFJ) संगठन का ही हाथ था। हमले के आरोपी जसविंदर सिंह मुल्तानी ((Jaswinder Singh Multani) को जर्मनी से गिरफ्तार किया गया था। जसविंदर सिंह मुल्तानी को 'सिख फॉर जस्टिस' का सक्रिय सदस्य के रूप में जाना जाता रहा है।

गौरतलब है, कि सिख फॉर जस्टिस एक खालिस्तानी संगठन है। इस संगठन को भारत सरकार पहले ही प्रतिबंधित कर चुकी है। संगठन का हेडक्वार्टर (Headquarters) अमेरिका में है। इस संगठन के कई सदस्य एनआईए (NIA) के रडार पर हैं।

'सुरक्षा में चूक हुई है'

वहीं, आज इससे पहले पंजाब में पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक मामले पर में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व जज की अध्यक्षता में कमिटी गठित की है। मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने कहा, कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से जो 'कारण बताओ नोटिस' डीजी और पंजाब के चीफ सेक्रेटरी (chief secretary) को भेजा गया था। अब तक केंद्र सरकार की ओर से तय समिति की ओर से कोई सुनवाई नहीं की गई है। सर्वोच्च अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा, 'यह बात सही है कि सुरक्षा में चूक हुई है। खुद पंजाब सरकार ने इस बात को स्वीकार किया है। लेकिन, सवाल यह है कि यदि जांच कमिटी गठित की जाए तो वह क्या करेगी।'

समितियों पर रोक जारी रहेगी

इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की बेंच ने कहा, 'यदि इस मामले में आप जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं, तो फिर कोर्ट इसमें क्या कर सकता है? साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा, कि घटना की जांच के लिए पंजाब और केंद्र सरकार की ओर से गठित समितियों पर रोक जारी रहेगी।

साथ ही अदालत ने कहा, कि पूर्व जज की अध्यक्षता में बनने वाली कमिटी में चंडीगढ़ के पुलिस चीफ, एनआईए (NIA) के आईजी (IG) , पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल भी सदस्य के तौर पर शामिल हो सकते हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की ये दूसरी सुनवाई थी। इससे पहले कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार की ओर से गठित जांच समितियों पर रोक का फैसला लिया था।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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