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J&K: PM मोदी कल 3,100 करोड़ की लागत से बनी बनिहाल-काजीगुंड सुरंग का करेंगे उद्घाटन, जानें क्यों है खास?
बनिहाल-काजीगुंड सुरंग बनने से जम्मू और श्रीनगर के बीच सड़क मार्ग की दूरी करीब 25 किलोमीटर कम हो जाएगी। इन दोनों दोनों शहरों के बीच यात्रा में डेढ़ घंटे कम समय लगेगा।
Banihal-Qazigund Tunnel : जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग (Jammu-Srinagar Highway) पर बनिहाल-काजीगुंड सुरंग (Banihal-Qazigund Tunnel) वाहनों की आवाजाही के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर इसका उद्घाटन करेंगे। पीएम मोदी सांबा के पल्ली गांव आ रहे हैं। अपनी इस यात्रा में वो जम्मू-कश्मीर को कई सौगातें देंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री पांच एक्सप्रेस वे (Expressway) का शिलान्यास भी करेंगे।
बता दें कि, इस सुरंग के निर्माण में 5 साल से भी अधिक समय लगे हैं। बनिहाल-काजीगुंड टनल 8.5 किलोमीटर लंबा है। इसके निर्माण में 3,100 करोड़ रुपए की लागत आई है। जिसे रविवार को प्रधानमंत्री देश को समर्पित करेंगे।
25 किमी कम हो जाएगी दूरी
गौरतलब है कि, जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग (Jammu-Srinagar Highway) की लंबाई 270 किलोमीटर है। बनिहाल-काजीगुंड सुरंग बनने से जम्मू और श्रीनगर के बीच सड़क मार्ग की दूरी करीब 25 किलोमीटर कम हो जाएगी। अभी इन दोनों दोनों शहरों के बीच यात्रा में जितना समय लगता है, सुरंग के चालू होने के बाद उसमें डेढ़ घंटे कम लगेगा।
घाटी की अर्थव्यवस्था के 'वरदान' साबित हो सकती है
जानकार बताते हैं कि बनिहाल-काजीगुंड टनल चालू होने से घाटी की अर्थव्यवस्था को खासा फायदा होगा। कुछ तो यहां तक कहते हैं कि यह घाटी और उसकी अर्थव्यवस्था के लिए 'गेम चेंजर' साबित हो सकता है। इस सुरंग का एक छोर काजीगुंड में तो दूसरा बनिहाल में खुलता है। जिससे स्थानीय लोगों को वाहनों के साथ आवाजाही में समय और पैसे की बचत होगी। रविवार, 24 अप्रैल को पीएम नरेंद्र मोदी इस सुरंग का उद्घाटन करेंगे।
क्या होगा विशेष?
जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग का नियमित यात्रा करने वाले वाहन चालक बताते हैं, कि सफर अब पहले की तुलना में आसान और सुरक्षित हो जाएगा। अभी तक इस हिस्से में सीधी चढ़ाई वाले और घुमावदार रास्तों से गुजरना पड़ता था। खासकर सर्दियों में अधिकतर सड़कें फिसलन की वजह से बंद हो जाती हैं। मगर, अब नई सुरंग बनने के बाद ऐसी दिक्कतों में कमी आएगी।
कभी थी फंड की कमी, 2016 से निर्माण ने पकड़ी रफ्तार
उल्लेखनीय है कि, यह सुरंग जम्मू-कश्मीर के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इस परियोजना को 2011 में मंजूरी मिली थी। लेकिन, साल 2014 में निर्माण कार्य शुरू हुआ। फंड की कमी की वजह से दिक्कतें आती रही। फिर, 2016 में मोदी सरकार द्वारा फंड मिलने के बाद निर्माण कार्य ने रफ्तार पकड़ी। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग से ही यातायात के अलावा अन्य जरूरी सामान आदि के लिए आवाजाही होती है।
सेना भी इसी रास्ते का करती है इस्तेमाल
गौरतलब है कि भारतीय सेना भी जवानों की आवाजाही के लिए इसी सड़क का इस्तेमाल करती है। सर्दियों में जब बर्फबारी होती है तब जवाहर टनल के पास का राजमार्ग बंद हो जाता था। लेकिन, इस नई सुरंग के बनने के बाद ऐसी मुश्किलें काफी कम हो जाएंगी। सड़क मार्ग के साथ-साथ कश्मीर को रेलमार्ग से देश के साथ जोड़ने के लिए भी काम तेजी से चल रहा है।