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कोरोना: लॉकडाउन पर ये कैसी राजनीति, हम नहीं करेंगे, तुम्हें करना है तो तुम करो

अगस्त 2020 में तय हुआ था कि कोरोना के प्रभावी मुकाबले के लिए 162 अस्पतालों का अपना खुद का ऑक्सीजन प्लांट होगा।

Ramkrishna Vajpei
Written By Ramkrishna VajpeiPublished By Chitra Singh
Published on: 19 April 2021 12:40 PM IST (Updated on: 19 April 2021 12:40 PM IST)
कोरोना: लॉकडाउन पर ये कैसी राजनीति, हम नहीं करेंगे, तुम्हें करना है तो तुम करो
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कोरोना वायरस (फोटो- सोशल मीडिया)

कोविड-19 की दूसरी लहर को रोकने के लिए लॉकडाउन पर फैसले की जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर छोड़ते हुए केंद्र सरकार ने अपनी जिम्मेदारी को सिरे से नकार दिया है। इस मामले में गैरभाजपा शासित राज्य जहां लॉकडाउन की ओर बढ़ रहे हैं या बढ़ चुके हैं वहीं भाजपा शासित राज्यों में भी कोरोना केसों के लगातार बढ़ने और हालात बिगड़ने के बावजूद लॉकडाउन की जरूरत महसूस नहीं की जा रही है।

जबकि पिछले साल देश में जब कोविड-19 ने दस्तक दी थी उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार बार कहा था कि कोई ढिलाई नहीं। दो गज दूरी मास्क है जरूरी। उस समय कोविड की इतनी भयानक स्थिति भी नहीं थी लेकिन तब लॉकडाउन लगाया गया। लेकिन इस साल कोविड की जब दूसरी लहर ने दस्तक दी तो जनता को तो बार बार आगाह किया जाता रहा लेकिन सरकारें सुस्त पड़ती गईं। कोविड की पहली लहर के समय जो तैयारियां की गई थीं और जो शुरू हुई थीं वह सब ठंडे बस्ते में डाल दी गईं।

चुनाव की तैयारी में जुटी सरकार

समीक्षकों का कहना है कि सरकार को कोविड से मुकाबले की तैयारी की जगह चुनाव ज्यादा जरूरी लगे। चुनावी रैलियां वर्चुअल की जगह वास्तविक रूप से की गईं। पूरी सरकारी मशीनरी नंबर बढ़वाने की होड़ में चुनाव में जुट गई। यूपी में पंचायत चुनाव में सरकारी मशीनरी के जुट जाने से राजधानी लखनऊ समेत तमाम जिले संक्रमित होते चले गए। अधिकारियों की हीलाहवाली लगातार सामने आई लेकिन स्टार प्रचारक उस समय चुनावी दौरों में व्यस्त थे।

चुनाव (फोटो- सोशल मीडिया)

जहां सरकार कहे वहां खतरा है

सरकार के चुनाव में व्यस्त हो जाने से, चुनावी राज्यों में लाखों लोगों के रैलियों में जुटने से जनता में सीधा और गलत संदेश गया कि क्या उन राज्यों में कोरोना का खतरा नहीं है। जहां सरकार कहे वहां खतरा है जहां न कहे वहां नहीं है।

लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा- वित्त मंत्री

गौरतलब यह भी है कि कोरोना की दूसरी लहर से देश कराह रहा है, श्रमिकों का पलायन हो रहा है लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भरोसा दिला रही हैं कि लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा।विपक्ष का स्पष्ट आरोप है कि देश को कोरोना की आग में झोंक कर सरकार अपनी नाकामी पर पर्दा डालने के लिए लॉकडाउन जैसी जिम्मेदारी लेने से कतरा रही है और भाजपा शासित राज्य भी अर्थव्यवस्था का हवाला देकर लॉकडाउन जैसे कठोर कदम उठाने से परहेज कर रहे हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फोटो- सोशल मीडिया)

ऑक्सीजन प्लांट

अगस्त 2020 में तय हुआ था कि कोरोना के प्रभावी मुकाबले के लिए 162 अस्पतालों का अपना खुद का ऑक्सीजन प्लांट होगा लेकिन अब तक सिर्फ 33 ही तैयार हो पाए हैं। अब जबकि ऑक्सीजन की कमी से प्रतिदिन लगातार मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है तब केंद्र सरकार के अधिकारी अप्रैल के अंत तक 59 और मई के अंत तक 80 अस्पतालों के तैयार हो जाने का दावा कर रहे हैं। इस बात की जांच होनी चाहिए कि सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए एक साथ कांट्रेक्ट क्यों नहीं किये गए।



Chitra Singh

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