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यमुना के प्रदूषण ने बढ़ाई चिंता, पीने लायक पानी मिलना बड़ी चुनौती
दिल्ली के यमुना में काला पानी से लोगों को साफ पानी नहीं मिल रहा...
दिल्ली में साफ पानी की बड़ी समस्या है. सिर्फ जगह बदलती हैं, लेकिन गंदे पानी की शिकायत सब जगह समान रूप से देखने-सुनने को मिल जाती हैं। नालों का गंदा पानी सीधे यमुना में गिरता है, वहीं फैक्ट्री कारखानों से निकलने वाला रासायनिक पदार्थ भी यमुना नदी में ही छोड़े जाते हैं, ऐसे में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ जाता है और नदी एकदम काली दिखाई पड़ती है।
दिल्ली में साफ पानी के स्त्रोत काफी कम
हैरानी की बात ये है कि दिल्ली में साफ पानी के स्त्रोत काफी कम हैं, ऐसे में यमुना नदी पर निर्भरता जरूरत से ज्यादा रहती है। यही वजह है कि दिल्ली जल बोर्ड के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में इस पानी को साफ किया जाता है, ताकि साफ पानी दिल्ली को मिल सके, लेकिन बावजूद इसके दिल्ली के लोगों को साफ पानी नही मिल पा रहा है. दिल्ली के लोग पानी के कारण लगातर किडनी, लिवर ,डायरिया जैसी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
अब इस प्रदूषित यमुना नदी के बारे में सबकुछ जानने के लिए वजीराबाद बैराज का रुख करना जरूरी हो जाता है. यही वो जगह है जहां से दिल्ली में यमुना नदी की शुरुआत होती है और उसकी मैली होने का सिलसिला भी शुरू हो जाता है.
23 हजार से ज्यादा शिकायते मिली
दिल्ली जल बोर्ड के समर एक्शन प्लान के मुताबिक बीते 7 महीनों में दिल्ली जल बोर्ड को पानी को लेकर लगभग 23 हजार से ज्यादा शिकायते मिली हैं. उसमें भी 1400 से ज्यादा सैम्पल्स को क्वालिटी टेस्ट के लिए भेजा गया था. परिणाम बताते हैं कि 1400 में से 668 सैम्पल फेल हुए हैं. यानी लगभग 47 प्रतिशत पानी पीने लायक नहीं था.