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Power Crisis India: फेडरेशन के तीखे सवाल, बिजली संकट में क्यों बंद हैं निजी घरानों के बड़े बिजलीघर ?

Power Crisis India: शैलेन्द्र दुबे ने पूछा,जब घरेलू कोयला बिजली उत्पादकों तक पहुंचाने के पर्याप्त प्रबंध नहीं, तो आयातित कोयला बंदरगाहों से बिजली घरों तक कैसे पहुंचेगा? बिजली मंत्रालय इसे स्पष्ट करे।

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Written By aman
Published on: 4 May 2022 8:02 PM IST
all india power engineers federation asking question union ministry of power
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प्रतीकात्मक फोटो 

Power Crisis : केंद्र सरकार द्वारा बिजली उत्पादन घरों को कोयला आयात करने को लेकर लिखे गए पत्र पर ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (All India Power Engineers Federation) ने गंभीर सवाल उठाए हैं। फेडरेशन ने कहा है कि अगर कोयला आयात करना समस्या का समाधान है तो आयातित कोयले से चलने वाले निजी घरानों के बड़े बिजलीघर मौजूदा वक्त में जब बिजली संकट है, क्यों बंद हैं?

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमेन शैलेन्द्र दुबे ने 4 मई 2022 को इस संबंध में एक बयान जारी किया। जिसमें उन्होंने कहा, कि जब घरेलू कोयला बिजली उत्पादकों तक पहुंचाने के पर्याप्त प्रबंध नहीं हैं तो आयातित कोयला बंदरगाहों से बिजली घरों तक कैसे पहुंचेगा? दुबे कहते हैं, बिजली मंत्रालय इसे स्पष्ट करे।

क्या कहना है फेडरेशन का?

केंद्रीय बिजली मंत्रालय द्वारा एक बार फिर राज्य सरकार के बिजली उत्पादन घरों तथा निजी क्षेत्र के बिजली घरों को कोयला संकट के दौर में कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कोयला आयात करने के निर्देश दिए। इस पर ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन सवाल खड़े किए। फेडरेशन ने सवाल किया है, कि 'यदि कोयला आयात करना ही समस्या का समाधान है तो आयातित कोयले से चलने वाले निजी घरानों के बड़े बिजलीघर इस बिजली संकट के दौर में क्यों बंद हैं?

बिजली मंत्रालय यह स्पष्ट करे

फेडरेशन ने बुधवार को जारी बयान में कहा, कि 'जब तक घरेलू कोयला बिजली घरों तक पहुंचाने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हो जाते, तब तक आयातित कोयला बंदरगाहों से ताप बिजली घरों तक कैसे पहुंचेगा? पहले यह बिजली मंत्रालय को स्पष्ट करना चाहिए।'

पत्र में क्या?

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे (Shailendra Dubey) ने बताया, कि 'केंद्रीय बिजली मंत्रालय द्वारा 28 अप्रैल को एक पत्र जारी किया गया। इस पत्र में राज्य के ताप बिजली घरों (Thermal Power Houses) से 22.049 मिलियन टन और निजी क्षेत्र के बिजली घरों से 15.936 मिलियन टन कोयला आयात करने को कहा गया है।

...अडानी, टाटा के बिजली घरों को निर्देश क्यों नहीं?

शैलेन्द्र दुबे कहते हैं, जहां एक ओर केंद्रीय विद्युत मंत्रालय राज्यों के सरकारी ताप बिजली घरों पर कोयला आयात करने का दबाव डाल रहा है, वहीं आयातित कोयले से चलने वाले गुजरात में मूंदड़ा स्थित अडानी के 4,600 मेगावाट के ताप बिजली घर, टाटा के 4,000 मेगावाट के ताप बिजलीघर तथा कर्नाटक में उडुपी स्थित अदानी के 1200 मेगावॉट के ताप बिजलीघर को इस संबंध में कोई निर्देश नहीं जारी किए गए हैं। इन बिजली घरों का नाम भी विद्युत मंत्रालय के पत्र में नहीं है। जबकि, ये बिजलीघर समुद्र तट पर हैं। आयातित कोयला लेना इनके लिए सबसे आसान है। आयातित कोयले की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत बढ़ने के बाद ये बिजलीघर बंद पड़े हैं। उन्होंने बताया कि अडानी का हरियाणा के साथ 1424 मेगावॉट बिजली 25 साल तक देने का करार भी है। मगर, अडानी ने पिछले साल अगस्त महीने से हरियाणा को बिजली देना बंद कर दिया है ।

फेडरेशन ने पूछे तीखे सवाल

दुबे ने सवाल उठाया, कि 'एक ओर कोल इंडिया (Coal India) कह रहा है कि उसने पिछले वर्ष की तुलना में 15.6 प्रतिशत अधिक उत्पादन किया है। यह उत्पादित कोयला रेलवे रैक की कमी के कारण ताप बिजली घरों तक नहीं पहुंच पा रहा। देश भर में यात्री ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है। बावजूद कोयला नहीं पहुंच पा रहा। ऐसे में यदि कोयला आयात कर भी लिया गया तो आयातित कोयला बंदरगाहों पर आएगा। बंदरगाहों से रेलवे रैक के अभाव में यह कोयला ताप बिजली घरों तक कैसे पहुंचेगा? यह बड़ा सवाल है।'

कोयला संकट गंभीर

बता दें कि, केंद्रीय विद्युत मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, सभी ताप बिजली घरों को 31 मई 2022 तक आयातित कोयले के खरीद के आदेश जारी कर देने हैं। जिसमें 50 प्रतिशत डिलीवरी 30 जून 2022 तक, 40 फीसदी 31 अगस्त तक और शेष 10 फीसद की डिलीवरी 31 अक्टूबर 2022 तक सुनिश्चित करनी है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कोयला संकट बहुत गंभीर है। अभी इसे कई महीनों तक चलना है।

यूपी के इन बिजली घरों को मिले ये लक्ष्य

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन के अनपरा ताप बिजली घर (Anpara Thermal Power Station) को 8,53,000 टन, और ओबरा, हरदुआगंज व पारीछा ताप बिजली घरों को 12,86,000 टन कोयला आयात करने का लक्ष्य दिया गया है।



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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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