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Power Cut: कल पूरे देश की बत्ती गुल, 15 लाख कर्मचारी करेंगे देशव्यापी हड़ताल, जानिए पूरा मामला

Power Cut: 10 अगस्त को बिजली की बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 के विरोध में देशभर के 15 लाख बिजली कर्मचारी और अभियंता हड़ताल करेंगे।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 9 Aug 2021 3:51 AM GMT
Bijnor News Today
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बिजनौर में विद्दयुत विभाग की लापरवाही से करंट लगने से टीचर की मौत (फोटो- सोशल मीडिया)

Power Cut: पूरे देश में कल यानी मंगलवार 10 अगस्त को बिजली की बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 के विरोध में देशभर के 15 लाख बिजली कर्मचारी और अभियंता हड़ताल करेंगे। इस बारे में बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स (NCCOEE) की ऑनलाइन बैठक में बुधवार को यह फैसला किया गया।

10 अगस्त को यानी कल आपके घर से बिजली गुल हो सकती है। इसके पीछे ये वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में सुधार (Reform) के लिए संसद के चालू मॉनसून सत्र (Monsoon Session) में ही बिजली (संशोधन) विधेयक, 2021 Electricity (amendment) Bill, 2021 लाने का निर्णय लिया है। इस संशोधित बिल के विरोध में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरों (Electrical Engineers) ने 10 अगस्त को हड़ताल पर जाने की धमकी दी है।

राष्ट्रव्यापी हड़ताल

इस बारे में ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने बताया कि केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र में इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल-2021 को संसद में रखने और पारित करने का एलान किया है। जिसके विरोध में बिजली कर्मियों को राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जाने का फैसला लेना पड़ा है।

बिजली (फोटो- सोशल मीडिया)

आगे बताया कि उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि बिजली कानून में व्यापक बदलाव वाले इस बिल को जल्दबाजी में पारित करने के बजाए इसे संसद की बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाना चाहिए। कमेटी के सामने बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मियों को अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए।

शैलेंद्र दुबे ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में बिजली उत्पादन का लाइसेंस समाप्त कर बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन का निजीकरण किया गया, जिसके परिणाम स्वरूप देश की जनता को निजी घरानों से बहुत महंगी बिजली की मार झेलनी पड़ रही है।

उन्होंने कहा कि अब इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 के जरिये बिजली वितरण का लाइसेंस लेने की शर्त समाप्त की जा रही है। जिससे बिजली वितरण के संपूर्ण निजीकरण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। इस प्रकार नए बिल के जरिये सरकार बिजली वितरण का संपूर्ण निजीकरण करने जा रही है जो किसानों और गरीब घरेलू उपभोक्ताओं के हित में नहीं है।

ये है बिजली संशोधन विधेयक

दरअसल बिजली (संशोधन) विधेयक, 2021 के तहत बिजली उपभोक्ताओं (Electricity Consumers) को बहुत सारे अधिकार मिल जाएंगे। जैसे उदाहरण के तौर पर समझिए। इस समय जैसे टेलीकॉम क्षेत्र (Telecom Sector) में आपको किसी कंपनी की मोबाइल सर्विस (Mobile Phone Service) पसंद नहीं आती है या रेट ज्यादा लगता है तो आप अपना सिम बदलकर दूसरी कंपनी का ले लेते हैं या फिर अपना नंबर दूसरी कंपनी में पोर्ट (Port) करा लेते हैं।

इस संशोधित बिल के हिसाब से अब ऐसा ही बिजली क्षेत्र में भी होगा। हर क्षेत्र में कई सर्विस प्रोवाइडर (Service Providers) होंगे। जिससे अगर एक कंपनी की बिजली सप्लाई (Power Quality) ठीक नहीं है या पावर कट (Power Cut) होता है या फिर रेट (Electricity Rate) ज्यादा है तो आप दूसरे कंपनी से बिजली खरीद सकेंगे। इस बिल से उपभोक्ताओं की सारी शिकायतें दूर हो जाएंगी।

Vidushi Mishra

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