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प्रमोद महाजनः जिनकी स्क्रिप्ट का अहम किरदार थे नरेंद्र मोदी, और ये सही साबित हुआ
Pramod Mahajan Jayanti: पहले भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले प्रमोद महाजन की आज जयंती है। आइए जानते है उनके जीवन के बारे में...
Pramod Mahajan Jayanti: भारतीय राजनीति (Bhartiya Rajniti) में समय समय पर एक से एक पुरोधा हुए हैं जिन्होंने भारतीय राजनीति की दिशा बदलने का काम किया है। यह सही है कि भारतीय राजनीति के चाणक्य (Bhartiya Rajniti Ke Chanakya) कहे जाने वाले ये लोग कभी शिखर पर नहीं पहुंचे । लेकिन रणनीति में उनका कोई सानी नहीं रहा। अपनी रणनीति के बल पर भारतीय राजनीति के इन महारथियों ने तख्ता पलट करने जैसे कामों को अंजाम दिया। इन्हीं में से एक प्रमोद महाजन (Pramod Mahajan) के बारे में आज उनकी जयंती पर बात करते हैं।
आज के लोग अमित शाह को भारतीय राजनीति के चाणक्य के रूप में जानते हैं । लेकिन आपको बता दें इनसे पहले भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के चाणक्य कहे जाते थे प्रमोद महाजन । जो अपनी रणनीति में कोई सानी नहीं रखते थे। हालांकि प्रमोद महाजन और अमित शाह (Amit Shah) में अरुण जेटली (Arun Jaitley) युग भी रहा । लेकिन प्रमोद महाजन एक नंबर पर रहे।
प्रमोद महाजन की राजनीतिक करियर (Pramod Mahajan Political Career)
प्रमोद महाजन को भाजपा का हनुमान भी कहा जाता था। मुख्यतः वह अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की पसंद थे। प्रमोद महाजन के चाहने वाले आज भी कहते हैं कि प्रमोद महाजन जिंदा होते तो भारतीय राजनीति का परिदृश्य कुछ और ही होता। यह भी कहा जाता था कि पेप्सी और प्रमोद अपना फार्मूला कभी किसी को नहीं बताते।
इस बात की जानकारी शायद बहुत कम लोगों को होगी कि नरेंद्र मोदी आज जिस ऊंचाई पर हैं, निसंदेह उनकी अपनी काबिलियत है । लेकिन इसके पीछे रणनीतिक सोच प्रमोद महाजन की थी। दरअसल, भाजपा की राजनीति के पुरोध लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) की सोमनाथ से अयोध्या की सफल यात्रा के सूत्रधार नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के प्रमोद महाजन भी मुरीद हो गए थे। उसी दौर में देश का भविष्य नरेंद्र मोदी के रूप में उन्होंने देख लिया था। उस दौर में प्रमोद महाजन के पास हर मुश्किल हर समस्या का समाधान होता था अमित शाह की तरह। वह एक तरह से भाजपा के ट्रबल शूटर हो गए थे।
कुछ मामलों में उनकी स्थितियां अमित शाह से ज्यादा कठिन रहीं। प्रमोद महाजन को अपना रास्ता बनाने के लिए भाजपा की राजनीति के दो ध्रुवों आडवाणी और वाजपेयी के बीच से रास्ता बनाना पड़ा। जिसमें एक गरम था दूसरा नरम।
एक और खास बात प्रमोद महाजन कभी चुनाव नहीं जीते। वो हारे । लेकिन उन पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। अटलजी अगर पांच बार चुनाव हार कर उससे भयभीत नहीं हुए तो प्रमोद महाजन तीन बार चुनाव हारे। इसके बाद राजनीति का आगे का रास्ता उन्होंने बतौर राज्यसभा सदस्य पूरा किया।
किसी से गठबंधन करना हो या चंदा इकट्ठा करना हो या फिर कोई बड़ा आयोजन करना हो प्रमोद महाजन के पास हर बात का इलाज होता था । इसी लिए वह धीरे धीरे अटल बिहारी वाजपेयी के करीब होते चले गए।
कौन थे प्रमोद महाजन (Pramod Mahajan Kaun The)?
प्रमोद महाजन वैश्य थे । उन्हें अमित शाह या नरेंद्र मोदी की तरह व्यापार की बेहतर समझ और जानकारी थी ।हालांकि उनके पिता अध्यापक रहे । लेकिन वह पत्रकार बनना चाहते थे । लेकिन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से बचपन से जुड़ाव के चलते उनको मंजिल मिली राजनीति में।
प्रमोद महाजन की जीवनी (Pramod Mahajan ki Jivani)
प्रमोद महाजन का जन्म 30 अक्टूबर, 1949 को आन्ध्र प्रदेश के महबूब नगर में हुआ था। राजनीति के क्षितिज पर चढ़ते हुए इस सूरज का अंत (pramod mahajan death cause) बीच में भी 6 मई, 2006 (pramod mahajan death date) को तब हुआ जब उनके भाई (Pramod Mahajan brother) ने उन्हें गोलियों से भून दिया। प्रमोद महाजन की पत्नी का नाम रेखा महाजन (Smt Rekha Pramod Mahajan) है। बेटा (Pramod Mahajan, son) राहुल महाजन (Rahul Mahajan) और बेटी (Pramod Mahajan daughter) पूनम महाजन (Poonam Mahajan) हैं।