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Pranab Mukherjee Death Anniversary :पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पहली पुण्यतिथि पर CM योगी ने दी श्रद्धांजलि

Pranab Mukherjee Death Anniversary : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की आज पहली पुण्यतिथि मनाई जा रही है।

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Newstrack NetworkPublished By Shraddha
Published on: 31 Aug 2021 3:54 PM IST (Updated on: 31 Aug 2021 4:03 PM IST)
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की आज पहली पुण्यतिथि
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 पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की आज पहली पुण्यतिथि (फाइल फोटो - सोशल मीडिया)

Pranab Mukherjee Death Anniversary : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आज ही के दिन 31 August 2021 को इनका निधन हुआ था। आज 'भारत रत्न' (Bharat Ratna) से पुरस्कृत प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) की पहली पुण्यतिथि मनाई जा रही है। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। बताया जाता है कि इनका निधन दिल्ली के आर्मी अस्पताल (Army Hospital) में हुआ था।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने ट्विटर के माध्यम से पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Former President Pranab Mukherjee) को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा कि वरिष्ठ राजनेता, भारतीय राजनीति में कर्मठता, शुचिता एवं समर्पण की प्रतिमूर्ति, 'भारत रत्न', पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की प्रथम पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। राष्ट्र निर्माण हेतु आपके द्वारा किए गए रचनात्मक कार्यों को सदैव स्मरण किया जाएगा।



आपको बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भारत के 13 वें राष्ट्रपति थे इनका निधन 31 अगस्त 2020 को 84 वर्ष की आयु में हुआ था। प्रणब मुखर्जी कांग्रेस और देश के दिग्गज नेता थे जिन्होंने 2012 से 2017 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में काम किया। इन्हें 2019 में सर्वोच्य सम्मान भारत रत्न (Bharat Ratna) से नवाजा गया था। यह अपने राजनीतिक करियर में 6 दशकों तक सक्रीय रहे थे।


प्रणब मुखर्जी के राजनीतिक जीवन की शुरुआत

आपको बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का जन्म बीरभूम जिले के मिरती गांव में 11 दिसंबर 1935 को हुआ था। इनके पिता कामदा किंकर मुखर्जी देश के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रीय रहे थे। प्रणब मुखर्जी के राजनीतिक जीवन की शुरुआत इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 1969 में की थी। लेकिन इंदिरा गांधी के मना करने के बावजूद इन्होंने बोलपुर से चुनाव लड़ा और हार का सामना करना पड़ा।



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Shraddha

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