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प्रशांत की कांग्रेस में एंट्री के खिलाफ जी-23 के नेता, सिब्बल के घर हुई बड़ी बैठक में जताया विरोध

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की कांग्रेस में एंट्री से पहले ही पार्टी में बड़ा भूचाल खड़ा होता दिख रहा है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Divyanshu Rao
Published on: 1 Sept 2021 12:26 PM IST (Updated on: 1 Sept 2021 1:59 PM IST)
Kapil Sibal
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कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की तस्वीर (डिजाइन फोटो:न्यूड)

नई दिल्ली: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की कांग्रेस में एंट्री से पहले ही पार्टी में बड़ा भूचाल खड़ा होता दिख रहा है। पार्टी नेताओं का एक बड़ा वर्ग प्रशांत की पार्टी में एंट्री के सख्त खिलाफ है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के घर पर हुई पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में पार्टी की ओर से उठाए जाने वाले इस कदम पर विरोध जताया गया। सिब्बल के घर हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में पार्टी के असंतुष्ट माने जाने वाले जी-23 से जुड़े नेताओं ने हिस्सा लिया।

जी-23 के नेता कांग्रेस में संगठनात्मक चुनाव कराने और पार्टी की नीतियों में बदलाव की मांग करते रहे हैं। प्रशांत किशोर की पिछले दिनों पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बैठक हुई थी। उसी के बाद से उनकी कांग्रेस में एंट्री की चर्चाओं ने जोर पकड़ा था। अब जी-23 से जुड़े नेताओं ने किशोर की पार्टी में एंट्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इससे साफ हो गया है कि प्रशांत के मुद्दे पर पार्टी दो फाड़ हो चुकी है। इससे राहुल की मुहिम को धक्का लगने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।

प्रशांत ने की थी राहुल और प्रियंका से चर्चा

प्रशांत किशोर ने पिछले दिनों राहुल गांधी के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की थी। बाद में उन्होंने राहुल गांधी के करीबी कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ भी बैठक की थी। राहुल गांधी से प्रशांत की मुलाकात के दौरान प्रियंका गांधी और वेणुगोपाल दोनों मौजूद थे। मुलाकात के बाद से ही किशोर को लेकर सियासी हलकों में अटकलें लगाई जाने लगी थीं। कांग्रेस को अगले साल उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ना है। कांग्रेस इन चुनावों में प्रशांत किशोर के अनुभव का लाभ उठाना चाहती है। प्रशांत की कांग्रेस में एंट्री को इन चुनावों से ही जोड़कर देखा जा रहा है।

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व की ओर से पूर्व रक्षा मंत्री और वरिष्ठ नेता एके एंटनी और अंबिका सोनी को प्रशांत किशोर के संबंध में पार्टी नेताओं के विचारों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की ओर से प्रशांत किशोर के खिलाफ मोर्चा खोले जाने को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इसके बाद प्रशांत की एंट्री की संभावनाओं को ब्रेक भी लग सकता है।

बैठक में वरिष्ठ नेताओं ने लिया हिस्सा

वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के घर हुई जिस बैठक में प्रशांत की कांग्रेस में एंट्री की खिलाफत की गई,उसमें हिस्सा लेने वाले नेताओं में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा भी शामिल थे। बैठक में चुनाव से जुड़े महत्वपूर्ण मसलों पर फैसले लेने की आउटसोर्सिंग की आशंका जताई गई।

जानकारों का कहना है कि बैठक में हिस्सा लेने वाले नेताओं में कई ऐसे चेहरे भी शामिल थे जिन्होंने पहले प्रशांत की पार्टी में एंट्री का समर्थन किया था। वैसे सिब्बल के घर हुई बैठक से यह साफ हो गया है कि पार्टी का एक बड़ा वर्ग और प्रशांत की पार्टी में एंट्री के पूरी तरह खिलाफ है।

प्रशांत की एंट्री का इसलिए हो रहा विरोध

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल किए जाने के बाद उन्हें महासचिव पद की जिम्मेदारी सौंपे जाने की चर्चाएं हैं। पार्टी के नेताओं को इस बात का डर सता रहा है कि प्रशांत को पार्टी में शामिल किए जाने के बाद चुनाव से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनकी राय को ही अंतिम माना जाएगा। ऐसे में दूसरे वरिष्ठ नेताओं की राय का कोई महत्व ही नहीं रह जाएगा।

प्रशांत किशोर की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

यही कारण है कि जी-23 से जुड़े नेताओं ने प्रशांत किशोर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बैठक में हिस्सा लेने वाले एक कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रशांत को कांग्रेस में शामिल किए जाने के मुद्दे पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में चर्चा की जानी चाहिए। केवल ऊपरी स्तर पर बातचीत के जरिए यह कदम नहीं उठाया जाना चाहिए।

चुनावी रणनीति बनाने में माहिर हैं प्रशांत

प्रशांत किशोर को चुनावी रणनीति का माहिर खिलाड़ी माना जाता है । उन्होंने पश्चिम बंगाल में हुए गत विधानसभा चुनाव में अपने चुनावी प्रबंधन का बखूबी परिचय भी दिया था। इस चुनाव में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला माना जा रहा था मगर प्रशांत किशोर ने पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी कि भाजपा सौ का आंकड़ा नहीं छू पाएगी। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि भाजपा ने सौ से ज्यादा सीटें हासिल कर लीं तो वे चुनावी रणनीति बनाने का काम छोड़ देंगे।

प्रशांत किशोर की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

प्रशांत जी की भविष्यवाणी पर किसी को भरोसा नहीं था मगर आखिरकार उनकी यह भविष्यवाणी सच साबित हुई। भाजपा सिर्फ 77 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी। बंगाल के चुनावी नतीजों की घोषणा के बाद प्रशांत ने बड़ा एलान करते हुए कहा था कि वह चुनावी रणनीति बनाने का काम छोड़ रहे हैं। उन्हें पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का सलाहकार भी नियुक्त किया गया था मगर बाद में उन्होंने इस पद से भी इस्तीफा दे दिया था। अब उनके कांग्रेस शामिल होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं मगर पार्टी के एक बड़े वर्ग ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।



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Divyanshu Rao

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