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Prashant Kishor: प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी बनाने के दिए संकेत, बिहार से शुरुआत का एलान
Prashant Kishor: सत्ता के शिखर तक पहुंचाने में अहम योगदान निभाने वाले प्रशांत किशोर उर्फ़ पीके अब खुद जनता के बीच में जाने का मन बना लिया है.
Prashant Kishor: अब तक दूसरों के लिए रणनीति बनाकर उन्हें सत्ता के शिखर तक पहुंचाने में अहम योगदान निभाने वाले प्रशांत किशोर उर्फ़ पीके अब खुद जनता के बीच में जाने का मन बना लिया है. प्रशांत किशोर ने 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव अभियान की कमान संभाली और उन्हें भारी बहुमत से जीत हासिल हुई थी.
इसके बाद बिहार में नीतीश कुमार, बंगाल में ममता बनर्जी, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल, पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह, आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी, तमिलनाडु में एमके स्टलिन सहित बड़े नेताओं को राजगद्दी तक पहुंचाने में बड़ा किरदार निभाया है. प्रशांत किशोर ने आज सुबह ट्वीट कर खुद की पार्टी बनाने के संकेत दिए हैं और इसकी शुरुआत बिहार से करने की बात कही है.
हालांकि अभी उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह अपनी राजनीतिक पार्टी बनाएंगे लेकिन उनके इस ट्वीट से यह साफ हो गया है कि वह खुद जनता के बीच जाकर काम करने के लिए उत्सुक हैं. उनका यह ट्वीट बड़ा मैसेज दे रहा है.
क्योंकि बीते दिनों उनके कांग्रेस में शामिल होने की खबरों के बीच कांग्रेस से उनकी बात नहीं बनी और उन्होंने कांग्रेस आलाकमान का थैंक्यू बोला था. जिसके बाद पीके अब अपनी जमीन तैयार करेंगे.
प्रशांत किशोर ने आज ट्वीट कर कहा कि 'लोकतंत्र में एक सार्थक भागीदार बनने और जन समर्थक नीति को आकार देने में मदद करने की मेरी खोज ने 10 साल के रोलर कोस्टर की सवारी का नेतृत्व किया जैसे ही मैं पेज को पलट ता हूं पता चलता है कि अब मुद्दों और जन सुराज के मार्ग को बेहतर ढंग से समझने के लिए रियल मास्टर यानी जनता तक जाने का समय आ गया है कि ताकि उनकी समस्याओं को बेहतर तरीके से समझ सके और जनसुराज्य पथ पर अग्रसर हो सके शुरुआत बिहार से'।
आपको बता दें इससे पहले प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की खबरें तैर रही थी. कई दौर की वार्ता उनके और कांग्रेस आलाकमान के बीच हुई. इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी मौजूद हुआ करते थे. कांग्रेस में कुछ नेताओं को पीके से आपत्ति थी और यही वजह रही कि उनकी बात सोनिया गांधी से बनते बनते बिगड़ गई.
अब पीके ने यह संकेत दे दिया है कि वह खुद के लिए फैसले करेंगे और बड़ी रणनीति के तहत जनता के बीच जायेंगे. पीके के बारे में यह हर कोई जानता है कि वह चुनाव में चाणक्य की भूमिका निभाते हैं. उनके बनाए प्लान में हर कोई फस जाता है और जीत उसकी हो जाती है जिसके साथ वह रहते हैं. हालांकि उनके बनाए प्लान गलत भी साबित हुए हैं, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण 2017 का यूपी चुनाव है.
उन्होंने सपा और कांग्रेस का गठबंधन कराया था जो सफल नहीं हो सका. अब उन्होंने खुद के लिए रास्ता बनाने का फैसला किया है, जो आने वाले दिनों में यह साफ हो जाएगा कि पीके अपनी पार्टी बनाएंगे या फिर से बिहार में राष्ट्रीय जनता दल यानी मुख्यमंत्री नीतीश की साथ जाएंगे. क्योंकि उन्होंने शुरुआत बिहार से करने की बात कही है.