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बकरीद पर कहीं जुलूस पर रोक, तो कहीं कर्फ्यू, जानें अपने राज्य का हाल

बकरीद के मौके पर राज्यों ने कहीं जन सभाओं पर रोक तो कहीं 50 लोगों मैं मानने की छूट...

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Newstrack NetworkPublished By Ragini Sinha
Published on: 20 July 2021 5:32 PM GMT (Updated on: 9 Aug 2021 10:32 AM GMT)
Procession-meetings banned on Bakrid
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बकरीद पर कहीं जुलूस पर रोक (social media)

ईद-उल अजहा यानी बकरीद के मौके पर बिहार की राजधानी पटना में नमाज ईदगाह या मस्जिद में नहीं अदा की जा सकेगी। पटना जिला प्रशासन की ओर से जारी आदेश में कोरोना महामारी को देखते हुए लोगों से अपील की गई है कि वे घर में रहकर नमाज पढ़ें।

कहां ढील, कहां जारी रहेंगे प्रतिबंध?

महाराष्ट्र सहित अधिकांश राज्यों में, कोविड प्रतिबंधों की वजह से मस्जिदों में सामूहिक नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध है। लेकिन दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता जैसे शहरों में लोग अपनी स्थानीय मस्जिदों में सीमित संख्या में इकट्ठा हो सकते हैं।

केरल में प्रतिबंधों में ढील

केरल सरकार ने बकरीद पर 18 से 20 जुलाई तक कोविड -19 लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील दी है। कपड़े, जूते, इलेक्ट्रॉनिक्स, ज्वैलरी बेचने वाली दुकानों के खुले रहने की अनुमति दी गई है। सुप्रीम कोर्ट को केरल सरकार के खिलाफ एक अर्जी पर इस फैसले को लेकर सुनवाई करेगा।

यूपी : सार्वजनिक स्थानों पर नहीं होगी कुर्बानी

उत्तर प्रदेश में बकरीद के मौके पर सरकार ने गाय, ऊंट की कुर्बानी पर रोक लगा दी है। इसके अलावा एक जगह पर 50 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर जानवरों की बलि पर भी रोक लगा दी है।

असम में भी बकरीद के दिन कर्फ्यू

असम सरकार ने कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए 5 जिलों में कर्फ्यू का ऐलान किया है। ईद के दिन भी मस्जिद में धर्मगुरु समेत सिर्फ 5 लोग ही नमाज पढ़ सकेंगे। राज्य सरकार ने लोगों से अपील की है कि लोग बकरीद घर पर ही रहकर मनाएं।

आंध्र प्रदेश में ईदगाह या खुले स्थानों पर नमाज अदा न की जाए

आंध्र प्रदेश में भी सरकार ने लोगों से बड़ी सभाओं से बचने के लिए कहा है. सरकार ने निर्देश दिया है कि ईदगाह या खुले स्थानों पर नमाज अदा न की जाए। राज्य सरकार ने मस्जिदों में नमाज की अनुमति दी है, लेकिन यहां मस्जिदों में सिर्फ 50 फीसदी क्षमता के साथ ही लोगों को आने की इजाजत दी जाएगी. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपायों का कड़ाई से पालन अनिवार्य होगा।

Ragini Sinha

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