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Punjab Congress News: पंजाब कांग्रेस में संकट गहराया, सिद्धू को अध्यक्ष मानने को तैयार नहीं कैप्टन,दोनों खेमे रणनीति बनाने में जुटे

Punjab Congress News: सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चाओं के बीच कैप्टन ने कड़ा तेवर अपना लिया है। उन्होंने समर्थक मंत्रियों और विधायकों के साथ बैठक करके आगे की रणनीति पर भी चर्चा की है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Sushil Shukla
Published on: 16 July 2021 11:51 AM IST
कांग्रेस का पंजाब संकट, सिद्धू के बाद कैप्टन ने बुलाई मंत्री और विधायकों की आपात बैठक
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कैप्टन अमरिंदर सिंह (फाइल फोटो)

Punjab Congress News: नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस (Punjab Congres) में मुख्यमंत्री (Cheif Minister) कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) और वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के बीच विवाद सुलझने की जगह और बढ़ गया है। सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चाओं के बीच कैप्टन ने कड़ा तेवर अपना लिया है। उन्होंने अपने फार्म हाउस पर समर्थक मंत्रियों और विधायकों के साथ बैठक करके आगे की रणनीति पर भी चर्चा की है। कैप्टन के करीबी सूत्रों का कहना है कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से फोन पर बातचीत करके किसी भी सूरत में सिद्धू को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष न बनाने की बात कही है। कैप्टन के अड़ जाने से अब हाईकमान के लिए भी बड़ी दुविधा की स्थिति पैदा हो गई है।

नवजोत सिंह सिद्धू, कैप्टन अमरिंदर सिंह (फाइल फोटो)

दूसरी ओर से सिद्धू खेमा भी जवाबी रणनीति तैयार करने में जुट गया है। सिद्धू ने कैप्टन सरकार में मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के घर अपने गुट की बैठक बुलाकर आगे की रणनीति पर चर्चा की। इस बैठक में सिद्धू को अध्यक्ष न बनाए जाने पर आगे की रणनीति तैयार की गई। सिद्धू के करीबी सूत्रों के मुताबिक वे प्रदेश अध्यक्ष से कम किसी भी पद पर तैयार नहीं है। इस तरह एक दिन पहले मीडिया में आई सुलह की खबरें पूरी तरह पलट गई हैं और दोनों खेमों ने एक बार फिर म्यान से तलवारें बाहर खींच ली हैं। पंजाब के ताजा घटनाक्रम पर चर्चा के लिए हाईकमान ने सिद्धू को एक बार फिर दिल्ली तलब किया है।

सिद्धू के मसले पर रावत (Rawat) का स्पष्टीकरण

इससे पहले कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने संकेत दिया था कि पार्टी हाईकमान सिद्धू और कैप्टन के बीच सुलह के फार्मूले पर पहुंच गया है। उनका कहना था कि कैप्टन मुख्यमंत्री के रूप में काम करते रहेंगे। उनका यह भी कहना था कि कैप्टन और सिद्धू मिलकर साथ काम करेंगे और पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी को विजय दिलाने में मदद करेंगे। रावत ने यह भी स्पष्ट किया था कि अमरिंदर सिंह की अगुवाई में कांग्रेस चुनाव मैदान में उतरेगी। इस बीच मीडिया में इस तरह की खबरें आईं कि पार्टी हाईकमान की ओर से सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जा रहा है। इसके साथ ही पार्टी में दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाएंगे। कार्यकारी अध्यक्ष के पदों पर हिंदू और दलित नेताओं की ताजपोशी की जाएगी।

कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत (फाइल फोटो)

सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बन बनाए जाने की खबरों पर हरीश रावत ने साफ किया कि उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं कहा था जैसा कि मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुझसे सवाल किया गया था कि क्या सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाएगा तो मैंने स्पष्ट किया था कि फैसला इसके करीब ही होगा।

रावत ने की सोनिया से बातचीत

पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (फाइल फोटो)

पंजाब कांग्रेस में नया विवाद पैदा होने की खबरों के बीच हरीश रावत एक बार फिर दस जनपथ पहुंचे और उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से इस मुद्दे पर बातचीत की। हालांकि बाहर निकलने पर उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी अध्यक्ष के साथ उत्तराखंड को लेकर चर्चा हुई है। उत्तराखंड में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। वैसे रावत के स्पष्टीकरण के बावजूद माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान ने उनसे पंजाब कांग्रेस के संकट पर चर्चा की है। हालांकि रावत और सोनिया की बातचीत में किन बिंदुओं पर चर्चा हुई, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।

कैप्टन के इस्तीफे की अटकलों पर सफाई

सिद्धू को प्रदेश कांग्रेश का नया अध्यक्ष बनाए जाने से नाराज कैप्टन के इस्तीफे की अटकलें भी लगाई जाने लगीं। हालांकि कैप्टन के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे की खबरों में कोई दम नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने न तो इस्तीफा दिया है और न पार्टी नेतृत्व के सामने इस्तीफा देने की पेशकश की है। कैप्टन के मीडिया सलाहकार ने कहा कि उनकी अगुवाई में पार्टी ने 2017 में जीत हासिल की थी और 2022 के चुनावों में भी पार्टी उनकी अगुवाई में जीत हासिल करने में कामयाब होगी।

सिद्धू खेमे ने बनाई जवाबी रणनीति

वैसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में सिद्धू की ताजपोशी से पहले पंजाब कांग्रेस में दो फाड़ की स्थिति पैदा हो गई है। कैप्टन खेमे की ओर से दबाव की रणनीति को देखते हुए सिद्धू खेमा भी जवाबी रणनीति बनाने में जुटा रहा। चंडीगढ़ में सिद्धू ने पांच मंत्रियों और 10 विधायकों के साथ अहम बैठक की। कैप्टन विरोधी मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के आवास पर हुई इस बैठक में चरणजीत सिंह चन्नी, परगट सिंह और राजिंदर बाजवा भी मौजूद थे। हालांकि बैठक में क्या फैसला लिया गया है, इसका खुलासा अभी तक नहीं हो सका मगर माना जा रहा है कि सिद्धू खेमे ने भी जवाबी रणनीति तैयार कर ली है।

सुलह के फार्मूले में फंसा हाईकमान

पंजाब कांग्रेस का झगड़ा पार्टी हाईकमान के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया है क्योंकि तमाम कोशिशों के बावजूद सुलह का कोई फार्मूला नहीं निकल पा रहा है। पिछले दिनों इस मुद्दे पर राहुल गांधी, प्रशांत किशोर, केसी वेणुगोपाल और हरीश रावत की बैठक हुई थी। बैठक के बाद माना जा रहा था कि पार्टी हाईकमान ने सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपने का मन बना लिया है।

प्रशांत किशोर ने भी पार्टी नेतृत्व से बातचीत के दौरान प्रदेश कांग्रेस का झगड़ा जल्द से जल्द निपटाने पर जोर दिया था ताकि पार्टी की ओर से विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू की जा सकें।

पिछले दिनों मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान पंजाब की जमीनी स्थिति की जानकारी दी थी। उसके बाद माना जा रहा था कि पार्टी हाईकमान की ओर से सुलह फार्मूले का जल्द ही ऐलान किया जा सकता है मगर अब कैप्टन की ओर से कड़ा तेवर अपनाए जाने के बाद मामला फिर फ॔स गया है। अब हर किसी की नजर पार्टी हाईकमान के फैसले पर टिकी है क्योंकि दोनों खेमे एक-दूसरे को अपनी ताकत दिखाने में जुट गए हैं।



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Sushil Shukla

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