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Punjab Election 2022: पंजाब में बाजवा ब्रदर्स में नहीं होगी सियासी जंग, कादियां सीट से नहीं लड़ेंगे फतेहजंग, यहां से प्रताप बाजवा हैं कांग्रेस प्रत्याशी

Punjab Election 2022: कांग्रेस ने विधानसभा सीट से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा को चुनाव मैदान में उतारा है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Monika
Published on: 22 Jan 2022 7:59 AM GMT
fatehjang bajwa  - Pratap Singh Bajwa
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फतेहजंग बजवा - प्रताप सिंह बाजवा (फोटो : सोशल मीडिया )

Punjab Election 2022: पंजाब के विधानसभा चुनाव (Punjab Election 2022) में बाजवा ब्रदर्स एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगे। राज्य की कादियां विधानसभा सीट (kadian assembly seat) पर दोनों भाइयों के एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने के आसार दिख रहे थे मगर अब मौजूदा विधायक फतेहजंग बाजवा (fatehjang bajwa) कादियां सीट से चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगे। कांग्रेस (Congress) ने इसी विधानसभा सीट से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा (Pratap Singh Bajwa) को चुनाव मैदान में उतारा है। फतेहजंग इसी विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक हैं। इसलिए उनके भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने की संभावना थी मगर अब दोनों भाइयों के बीच सियासी जंग नहीं होगी।

ढींढसा की पार्टी को मिली कादियां सीट

पंजाब के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी ही पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव सिंह ढींढसा की पार्टी शिरोमणि अकाली दल संयुक्त के साथ गठबंधन किया है। गठबंधन के बाद कादियां विधानसभा सीट ढींढसा की पार्टी को मिली है और पार्टी ने इस विधानसभा सीट पर जौहर सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। पहले माना जा रहा था कि भाजपा इस सीट पर फतेहजंग को ही चुनाव मैदान में उतार सकती है और ऐसी स्थिति में दोनों भाइयों के बीच सियासी जंग तय मानी जा रही थी मगर अब यह जंग देखने को नहीं मिलेगी।

प्रताप बाजवा इसी सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी

फतेहजंग ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा है। दरअसल कादियां सीट से विधायक होने के कारण फतेहजंग एक बार फिर कांग्रेस के टिकट की दावेदारी कर रहे थे। पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी फतेहजंग को ही टिकट देने के पक्ष में थे। दूसरी ओर कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने भी इसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने में दिलचस्पी दिखाई और बाद में कांग्रेस हाईकमान की ओर से बाजवा के टिकट को मंजूरी दे दी गई।

प्रताप बाजवा को टिकट मिलने के बाद फतेहजंग ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। अब फतेहजंग कादियां सीट से तो चुनाव मैदान में नहीं उतर रहे हैं मगर माना जा रहा है कि भाजपा की ओर से उन्हें बटाला सीट से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। इस सीट पर अभी तक भाजपा की ओर से उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया गया है।

कोठी पर दोनों पार्टियों के झंडे

पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान कादियां में बाजवा ब्रदर्स की कोठी भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। दोनों भाई इसी कोठी में रहते हैं और दोनों भाइयों के अलग-अलग दल में होने के कारण इस कोठी पर एक ओर कांग्रेस का झंडा लहरा रहा है तो दूसरी ओर भाजपा का झंडा भी दिख रहा है। प्रताप सिंह बाजवा को पंजाब में कांग्रेस का बड़ा चेहरा माना जाता रहा है और कादियां विधानसभा सीट को उनका गढ़ माना जाता रहा है।

2012 के विधानसभा चुनाव में उनकी पत्नी चरणजीत कौर बाजवा ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रताप बाजवा के छोटे भाई फतेहजंग इस सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे और उन्होंने जीत हासिल की थी। अब प्रताप बाजवा ने एक बार फिर राज्य की सियासत में लौटने का फैसला किया है और वे कांग्रेस के टिकट पर कादिया सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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