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पंजाब के सुपर सीएम जैसा प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं सिद्धू

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी हासिल करने वाले नवजोत सिंह सिद्धू क्या पंजाब में सुपर सीएम की भूमिका में हैं।

Akhilesh Tiwari
Published on: 30 Aug 2021 4:49 PM IST (Updated on: 30 Aug 2021 6:40 PM IST)
Navjot Singh Sidhu
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नवजोत सिंह सिद्धू की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: कांग्रेस छोड़ने की धमकी देने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी हासिल करने वाले नवजोत सिंह सिद्धू क्या पंजाब में सुपर सीएम की भूमिका में हैं। पंजाब सरकार को उनके सार्वजनिक बयानों को लागू करना पड़ रहा है। गन्ना मूल्य बढ़ाने का बयान देने के बाद अब सिद्धू ने बिजली की दरों को लेकर कैप्टन सरकार को नया निर्देश दिया है। सिद्धू का बयान आने के बाद कैप्टन सरकार ने गन्ना मूल्य की दरों में बढ़ोत्तरी का एलान किया है।

पंजाब कांग्रेस में सिद्धू-कैप्टन की लड़ाई को संभालने के लिए कांग्रेस हाईकमान को पहल करनी पड़ी। सिद्धू के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद माना जा रहा था कि अब दोनों ओर से तलवारें म्यान में लौट जाएंगी। लेकिन सिद्धू खेमा शांत बैठता दिखाई नहीं दे रहा है। सिद्धू के सलाहकारों ने अपने बयान से कैप्टन सरकार को मुश्किल में डालने की कोशिश की, लेकिन राष्ट्रविरोधी बातें होने की वजह से कांग्रेस ने ही सलाहकारों के बयान से पल्ला झाड़ लिया और सिद्धू को सलाहकारों से मुक्ति पाने के लिए कह दिया।

इसके बावजूद नवजोत सिंह सिद्धू शांत होते नजर नहीं आ रहे हैं। वह अब पंजाब की अपनी ही सरकार को सुपर सीएम की तरह निर्देश दे रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका पार्टी संगठन को मजबूत करने व सक्रिय बनाने की होती है। वह सरकार को पार्टी मीटिंग में सलाह देते हैं। लेकिन सिद्धू सार्वजनिक मंचों और सोशल मीडिया के जरिये कैप्टन सरकार को सीधे निर्देश जारी कर रहे हैं।

सिद्धू ने क्या कहा

सोमवार को जब पूरा देश श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मना रहा है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी ट्वीट कर पंजाब वासियों को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामना भेजी है तो पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू ने ट्वीट कर कहा है कि पंजाब सरकार को सभी लोगों के हित में तत्काल पीएसईआरसी-पंजाब राज्य इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी अथारिटी को निर्देश देना चाहिए कि वह प्राइवेट पॉवर प्लांटों के टैरिफ को संशोधित करे और दोषपूर्ण पीपीएएस को शून्य घोषित करे। इस काम को पूरा करने के लिए एक दिन का विधानसभा विशेष सत्र बुलाया जाए।

अपने अगले ट्वीट में उन्होंने कहा है कि इससे पंजाब सरकार को सामान्य श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं को 300 यूनिट बिजली देने का फैसला करने में आसानी होगी। इससे घरेलू टैरिफ को घटाकर तीन रुपये प्रति यूनिट और इं​डस्ट्री को पांच रुपये प्रति यूनिट देने की राह भी खुल जाएगी। सभी बकाया बिलों और अनुचित बिलों का भी समाधान हो सकेगा।

कैप्टन खुद कर चुके हैं इसका समर्थन


कैप्टन अमरिंदर सिंह विपक्ष में रहने के दौरान खुद बिजली दरों को घटाने का समर्थन कर चुके हैं। उन्होंने मीडिया में कहा था कि बिजली को निजी कंपनियों के हाथ देकर महंगा किया जा रहा है। इससे ही प्राइवेट पॉवर प्लांट को बिजली उपभोक्ताओं से मुनाफा वसूली करने का मौका मिल रहा है। नेशनल ग्रिड से सीधे खरीदकर लोगों को सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराई जा सकती है। सिद्धू ने कैप्टन के पुराने इंटरव्यू का वीडियो भी अपने बयान के साथ जोड़ा है और कैप्टन को उनका वादा याद दिलाया है।

गन्ना के राज्य समर्थन मूल्य का मामला भी उठाया

सिद्धू ने पंजाब में गन्ना के राज्य समर्थन मूल्य का मामला भी छह दिन पहले उठाया था। उन्होंने अपने बयान में कहा कि गन्ना का राज्य समर्थन मूल्य तुरंत बढ़ाया जाना चाहिए। गन्ना मूल्य का बकाया भुगतान भी तुरंत होना चाहिए। यह अजब बात है कि पंजाब में गन्ना का राज्य समर्थन मूल्य हरियाणा, यूपी व उत्तराखंड के मुकाबले में कम है जबकि यहां लागत ज्यादा आती है। गन्ना किसानों के लिए समर्थन मूल्य में इजाफा 2018 से अब तक नहीं हुआ। इस दौरान लागत 30 प्रतिशत बढ़ी है।

उन्होंने अपने एक ट्वीट में यह भी कहा कि जब चीनी मिलों के आधुनिक प्लांट से उनका मुनाफा बढ़ा है, उन्हें बाइप्रोडक्ट यानी इथेनॉल, बॉयोफ्यूल और इलेक्ट्रिकसिटी से मुनाफा मिल रहा है तो किसानों को भी इसका लाभ मिलना चाहिए। सिद्धू के इस ट्वीट के अगले ही दिन पंजाब सरकार ने गन्ना का राज्य समर्थन मूल्य बढ़ाकर पड़ोसी राज्यों से भी अधिक कर दिया। इससे ​सिद्धू की सुपर सीएम वाली इमेज बनने लगी है। माना जा रहा है कि वह जिस भी मुद्दे को उठाएंगे या जैसा वह चाहेंगे। कैप्टन सरकार को करना ही होगा।



Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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