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Congress Ki Punjab Politics: ओपी सोनी के जरिये कांग्रेस की नजर हिन्दू वोटों पर
Congress ki Punjab Politics: पंजाब में नए मुख्यमंत्री के रूप में चरणजीत सिंह चन्नी ने शपथ ले ली है। हिन्दू मतदाताओं को खुश करने के लिए जिन ओपी सोनी (OP Soni) को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। वह अमृतसर से पांच बार विधायक रह चुके हैं।
Congress ki Punjab Politics: वोट और चुनाव जीतने के लिए सब कुछ करेंगे। अब यही राजनीति का सूत्र (formula of politics) है, जिसे पंजाब में कांग्रेस ने अपना लिया है। दलित सिखों (Dalit Sikhs) को आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी(Chief Minister Charanjit Singh Channi), अन्य सिखों के लिए सुखजिंदर सिंह रंधावा और हिन्दू मतदाताओं के लिए ओपी सोनी। पूरी रणनीति जाति-धर्म के आधार पर वोटरों को खींचने की है।
बहरहाल, हिन्दू मतदाताओं को खुश करने के लिए जिन ओपी सोनी (OP Soni) को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। वह अमृतसर से पांच बार विधायक रह चुके हैं। वह कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) के कैबिनेट में मंत्री रहे थे। सोनी कांग्रेस के बड़े हिंदू चेहरे में शुमार हैं। वे 1991 में अमृतसर में पहली बार मेयर बने थे। उसके बाद 1997 से लेकर आज तक वह लगातार विधानसभा का चुनाव जीतते आ रहे हैं।
1997 से 2002, 2002 से 2007, 2007 से 2012 तक तीन बार ओपी सोनी विधानसभा पश्चिमी निर्वाचन क्षेत्र से विजयी हुए। इसके बाद वह सेंट्रल निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़े और दो बार जीत दर्ज की। पहले के दो चुनाव सोनी ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लड़े थे।
कैप्टेन ने किया था नजरअंदाज
पंजाब में कांग्रेस सरकार बनने के बाद सोनी को कैबिनेट में जगह नहीं दी गयी थी। उनकी जगह पर शहरी क्षेत्र से नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को मंत्री बनाया गया था। कैप्टन सरकार बनने के लिए एक साल 35 दिनों बाद 20 अप्रैल, 2018 को सोनी को कैबिनेट में जगह मिल सकी।
कांग्रेस के अहम पदों पर जिम्मेदारी निभा चुके सोनी 1991 से 1996 तक शहर में मेयर बने। दो बार आल इंडिया काउंसिल आफ मेयर्स के चेयरमैन भी रहे। वे पंजाब कांग्रेस पब्लिक कमिटी के महासचिव भी रह चुके हैं। इसके अलावा वे विधानसभा में पब्लिक अकाउंट कमिटी के सदस्य और 2017-18 में पंजाब विधानसभा के लोकल बॉडीज और कमिटी ऑन पब्लिक अंडरटेकिंग्स के भी चेयरमैन रह चुके हैं।
निजी जीवन
ओपी सोनी का जन्म अजनाला के गांव भीलोवाल में 3 जुलाई , 1957 को हुआ था। उनके पिता जगत मित्र सोनी गांव के सरपंच और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता थे। सोनी का एक बेटा है। उनकी पत्नी का नाम सुमन सोनी है। 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में दिए गए चुनावी हलफनामे में ओम प्रकाश सोनी ने अपनी कुल चल संपत्ति 48,56,492 रुपये और अपनी पत्नी की कुल चल संपत्ति 56,09,414 रुपये बताई थी। इसके अलावा उनके पास कुल अचल संपत्ति तब 11,74,00,000 रुपये की थी। उनकी पत्नी के पास 5,50,00,000 रुपये की कुल अचल संपत्ति थी।
विभाग बदलने से नाराजगी
6 जून, 2019 को लोकसभा चुनावों के बाद जब कैप्टन अमरिंदर सिंह मंत्रिमंडल में फेरबदल किया गया था, तो ओपी सोनी ने बहुत दिनों तक नए विभाग का कार्यभार नहीं सम्भाला था। 18 दिनों बाद उन्होंने चिकित्सा शिक्षा और रिसर्च, स्वतंत्रता सेनानी और खाद्य प्रसंस्करण विभागों का कार्यभार संभाला। दरअसल, मुख्यमंत्री ने उनसे स्कूली शिक्षा विभाग वापस ले लिया था। उससे वे नाराज हो गए थे। उनका दावा था कि उनके कार्यकाल में स्कूली शिक्षा बेहतर हुई है और पार्टी ने लोकसभा चुनावों में उनके चुनाव क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया है। ऐसे में उन्हें पुरस्कृत किए जाने के बदले सजा क्यों दी गई है। सोनी उन 42 कांग्रेस विधायकों में से एक थे, जिन्होंने सतलुज-यमुना लिंक जल नहर को समाप्त करने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के विरोध में अपना इस्तीफा सौंप दिया था।