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एक ऐसा शख्स जिसने पहली बार दूरदर्शन पर लिया था प्रधानमंत्री का इंटरव्यू

साहित्य जगत का शायद ही कोई ऐसा शख्स हो जो पीएल देशपांडे के बारे में न जानता हो।

Raghvendra Prasad Mishra
Published on: 11 Jun 2021 11:45 AM GMT
Purushottam Laxman Deshpande
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पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

P.L. Deshpande: साहित्य जगत का शायद ही कोई ऐसा शख्स हो जो पीएल देशपांडे के बारे में न जानता हो। पीएल देशपांडे ऐसे शख्स है कि जिनकी ख्याति का कोई सानी नहीं है। पीएल देशपांडे का जन्म 8 नवंबर, 1919 को मुंबई में हुआ था। वह लेखक के साथ-साथ अभिनेता, संगीतकार, पटकथा लेखक, निदेशक और एक अच्छे वक्ता भी थे। उन्होंने मराठी की कुबेर, भाग्यरेषा व वंदेमातरम समेत कई अन्य फिल्मों में अभिनय भी किया। पीएल देशपांडे ही वह शख्स हैं, जिन्होंने टीवी चैनल दूरदर्शन पर सबसे पहले देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का इंटरव्यू किया था। इसे यूं कहा जा सकता है कि टीवी पर इंटरव्यू शुरू करने का श्रेय पीएल देशपांडे का जाता है।

पीएल को साहित्य विरासत में मिली थी। उनके दादा ने रवींद्रनाथ टैगोर की गीतांजलि का मराठी में अनुवाद किया था। पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे (पीएल देशपांडे) की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के पार्ले तिलक स्कूल से हुई थी। मैट्रिक की पढ़ाई करने के बाद वह एलएलबी के लिए इस्मेल युसुफ कॉलेज में दाखिल हुए थे। उन्होंने एमए की डिग्री वर्ष 1950 में पुणे के फार्गुसन कॉलेज से ली थी। इसके बाद भास्कर संगितलय के दत्तोपन राजोपाध्याय से उन्होंने हारमोनियम बजाने में शिक्षा ली।


पत्नी की मौत के बाद अपने सहयोगी से की शादी

1940 के दशक की शुरुआत में देशपांडे की शादी हुई। लेकिन शादी के कुछ ही समय बाद उनकी पत्नी का निधन हो गया। पहली पत्नी के निधन के बाद देशपांडे 12 जून, 1946 को अपने सहयोगी और मराठी रंगमंच से जुड़ी सुनीता ठाकुर से विवाह कर लिया। उनकी अपनी कोई संतान नहीं थी, वह अपने भतीजे दिनेश ठाकुर को बेटे की तरह प्यार करते थे। कर्नाटक के रानी पार्वती देवी और मुंबई के कीर्ति कॉलेज में उन्होंने कुछ वर्षों तक बतौर प्रोफेसर अपनी सेवाएं दीं। इसके बाद वह दूरदर्शन से जुड़ गए। इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का इंटरव्यू भी लिया। इससे पहले टीवी पर किसी का इंटरव्यू नहीं लिया गया था। इसी के साथ ही देशपांडे ने विदेशों में भी अपनी कला का प्रचार किया है। उस दौरान उन्होंने पश्चिमी जर्मनी और फ्रांस में भी काम किया था।

1990 में पद्म भूषण से नवाजा गया

पीएल देशपांडे ने हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही फिल्मों में काम किया है। कला के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान के लिए उन्हें वर्ष 1990 में पद्म भूषण से नवाजा गया था। इसके अतिरिक्त देशपांडे को वर्ष 1987 में कालिदास सम्मान, वर्ष 1996 में महाराष्ट्र भूषण अवॉर्ड, वर्ष 1979 में संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप, वर्ष 1965 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, वर्ष 1993 में पुण्य भूषण, वर्ष 1996 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया। देशपांडे की मराठी फिल्म कुबेर, भाग्यरेषा, वंदे मातरम उस समय में काफी मशहूर हुई थीं। उन्होंने भाड्याने देणे अहे, मानाचे पान में पटकथा और संवाद भी लिखा था। पीएल देशपांडे का निधन 12 जून, 2000 को पुणे में हुआ था।

Raghvendra Prasad Mishra

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