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Rafale fighter jet: IAF की क्षमता में हुआ इजाफा, तीन और राफेल लड़ाकू विमान फ्रांस से पहुंचे भारत

भारतीय वायुसेना की ताकत और बढ़ाते हुए फ्रांस द्वारा निर्मित राफेल लड़ाकू विमान की एक और खेप भारतीय वायुसेना में शामिल हो गई है। जिसके बाद देश में राफेल विमानों की कुल संख्या अब 35 हो गई है।

Bishwajeet Kumar
Published By Bishwajeet KumarWritten By Krishna
Published on: 23 Feb 2022 6:56 PM IST
Rafale fighter jets
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राफेल लड़ाकू विमान (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया)

नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान से बढ़ते खतरे के मद्देनजर भारत लगातार अपनी सेनाओं को ताकतवर बना रहा है। आधुनिक युद्ध में वायुसेना की महता को देखते हुए एयरफोर्स को मजबूत बनाने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में फ्रांस से तीन और लड़ाकू विमान राफेल (fighter aircraft rafale) की डिलीवरी भारत को हो गई है। तीनों विमान मंगलवार की देर शाम भारत पहुंचे।

इन विमानों ने फ्रांस के एक एयरबेस से उड़ान भरने के बाद सीधे इंडिया में लैंड किया। बीच में ईंधन की आर्पूर्ति भी उन्हें हवा में ही की गई। इस काम उन्हें संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) की वायुसेना ने मदद की। यूएई की एयरफोर्स ने इन विमानों की एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग (हवा में उड़ते समय ही ईंधन भरना) भरने में मदद की।

भारत-फ्रांस राफेल डील का हिस्सा हैं ये विमान

नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi government) ने साल 2016 में फ्रांस सरकार (French government) से राफेल (Rafale) लड़ाकू विमानों को खरीदने का समझौता किया था। इस समझौते के मुताबिक फ्रांस भारत को 36 राफेल लड़ाकू विमान सप्लाई करता, जिसका मूल्य 56 हजार करोड़ रूपए था। 36 में से 35 लड़ाकू विमान अब तक भारतीय सरजमीं पर पहुंच चुके हैं।

एक उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी के मुताबिक 36वां विमान का हैंडओवर भी भारत को मिल चुका है। वो भी कुछ ही हफ्तों में भारत लैंड करेगा। वायुसेना द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक भारत ने 30 से अधिक विमानों को नॉन स्टॉप भारतीय सरजमीं पर लैंड कराया है।

भारत और फ्रांस के बीच समझौता

भारत और फ्रांस ने 2016 में एक इंटर-गवर्नमेंटल समझऔते पर हस्ताक्षर किए थे। 59 हजार करोड़ रूपए के इस समझौते के मुताबिक फ्रांस सरकार को भारत सरकार को 36 राफेल लडाकू विमान सप्लाइ करने थे। इस सौदे में ऑफसेट क्लॉज भी अनुबंध का हिस्सा थे। फ्रांस की प्रमुख एय़रोस्पेस कंपनी दॉशो एविएशन राफेल लडाकू विमान का निर्माता है। जबकि यूरोपीय कंपनी एमबीडीए विमान के लिए मिसाइल सिस्टम सप्लाई करती है।

बता दें कि राफेल विमान सौदे को लेकर भारत में जमकर सियासी हंगामा भी बरपा है। विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर इन सौदों में अनिय़मिता बरतने का आरोप लगा रहा है।



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