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केंद्र की पॉजिटिविटी मुहिम पर सियासी उबाल, राहुल और प्रशांत किशोर ने मोदी सरकार को घेरा
देश में व्याप्त कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार की ओर से पॉजिटिविटी मुहिम शुरू किए जाने पर विपक्ष ने गहरी आपत्ति जताई है
नई दिल्ली: देश में व्याप्त कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार की ओर से पॉजिटिविटी मुहिम शुरू किए जाने पर विपक्ष ने गहरी आपत्ति जताई है। देश में इस समय प्रतिदिन कोरोना के लाखों नए केस दर्ज किए जा रहे हैं और हर दिन हजारों मौतों की खबर आ रही है। इस बीच केंद्र सरकार की ओर से अधिकारियों को पॉजिटिव माहौल बनाने की ट्रेनिंग दी गई है। केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम के बाद विपक्ष पूरी तरह हमलावर हो गया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के चुनावी रणनीतिकार की भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर ने इस पर गहरी आपत्ति जताई है। राहुल गांधी ने कहा है कि सकारात्मक सोच की झूठी तसल्ली देना सच्चाई से मुंह मोड़ना है और सरकार का यह कदम देशवासियों के साथ धोखा है। दूसरी ओर प्रशांत किशोर ने केंद्र सरकार के इस कदम को घिनौना बताया है।
सकारात्मक सोच की झूठी तसल्ली
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस बाबत मीडिया में आई खबर का हवाला दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के इस संकट काल में सकारात्मक सोच की झूठी तसल्ली दी जा रही है और केंद्र सरकार का यह कदम देशवासियों के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह कदम उन परिवारों और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ क्रूर मजाक है जिन्होंने कोरोना वायरस के कारण अपनों को खोया है।
राहुल ने बताया देशवासियों से धोखा
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा कि पूरे देश के लोग मौजूदा समय में ऑक्सीजन, अस्पताल, बेड और दवा की कमी झेल रहे हैं। उनकी दिक्कतों का कोई समाधान नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि ऐसे माहौल में रेत में सिर डालना सकारात्मकता नहीं मानी जा सकती। यह तो देशवासियों के साथ धोखा है।
चुनावी नतीजों के बाद प्रशांत की पहली टिप्पणी
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के चुनाव रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर भी इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर बरसे हैं। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के नतीजे 2 मई को घोषित किए गए थे और नतीजों की घोषणा के बाद प्रशांत किशोर ने सोशल मीडिया पर पहली बार अपनी बात रखी है।
सरकार के कदम को बताया घिनौना
प्रशांत किशोर ने इस बाबत ट्वीट करते हुए लिखा कि मौजूदा समय में हर कोई शोक मना रहा है और आए दिन हमारे चारों ओर गमगीन करने वाली खबरें मिल रही हैं। ऐसे माहौल में सकारात्मकता के नाम पर झूठ और प्रोपैगेंडा फैलाना घिनौना काम है। चुनावी रणनीति में बनाने में अपना कमाल दिखा चुके प्रशांत किशोर ने कहा कि पॉजिटिव रहने के लिए हमें अंधे होकर सरकार का प्रोपैगेंडा फैलाने वाला नहीं बनना चाहिए।
केंद्र ने किया था वर्कशॉप का आयोजन
दरअसल केंद्र सरकार की ओर से कुछ दिनों पहले अधिकारियों के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया था। इस वर्कशॉप का मकसद महामारी के समय में भी सरकार की छवि को सकारात्मक बनाए रखने के लिए अफसरों को ट्रेनिंग देना था। इस वर्कशॉप में अफसरों से ज्यादा से ज्यादा पॉजिटिव कहानियों का जनता के बीच प्रसार करने को कहा गया था।
देश में कोरोना की जबर्दस्त लहर के बीच सरकार की ओर से पहली बार इस तरह की वर्कशॉप का आयोजन किया गया था और इस वर्कशॉप में करीब 300 अफसर मौजूद थे। इस वर्कशॉप की खबरें मीडिया में आने के बाद ही राहुल और प्रशांत किशोर ने केंद्र सरकार को घेरा है।
मुहिम में संघ भी सरकार के साथ
पॉजिटिविटी मुहिम में केंद्र सरकार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी मदद मिल रही है। संघ की ओर से पॉजिटिविटी अनलिमिटेड नाम से ऑनलाइन लेक्चर्स की शुरुआत की गई है। 11 मई से शुरू हुआ यह अभियान 15 मई तक चलेगा। संघ की ओर से शुरू की गई इस मुहिम का मकसद भी महामारी के बीच लोगों में सकारात्मकता पैदा करने और विश्वास बढ़ाने का है।
संघ की कोविड रिस्पांस टीम की ओर से इस सीरीज का आयोजन किया जा रहा है। संघ की ओर से शुरू की गई इस मुहिम के मुख्य वक्ताओं में संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ ही विप्रो चेयरमैन अजीम प्रेमजी और धर्मगुरु जग्गी वासुदेव भी शामिल हैं।