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Rahul Gandhi Breakfast Party: राहुल गांधी 17 दलों के नेताओं के साथ लेंगे चाय की चुस्की, नाश्ते में महागठंधन की राजनीति
लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए राहुल गांधी एकबार फिर विपक्ष को एकजुट करते नजर आ रहे हैं। इसी को लेकर राहुल गांधी ने 17 सियासी दलों को ब्रेकफास्ट पर बुलाया है।
Rahul Gandhi Breakfast Party: लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के तेवर काफी आक्रामक लग रहे हैं। राहुल गांधी एकबार फिर विपक्ष को एकजुट करते नजर आ रहे हैं। इसी को लेकर राहुल गांधी ने समान विचारधारा वाले सियासी दलों को ब्रेकफास्ट पर बुलाया है। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव 2022 का भी समय निकट है ऐसे में राहुल गांधी की ओर से लगभग 17 सियासी दलों के नेताओं को चाय-नाश्ते पर बुलाया जाना अहम माना जा रहा है।
बताया जा रहा है कि राहुल गांधी इन नेताओं के साथ 3 अगस्त को चाय-नाश्ते पर चर्चा करेंगे। राहुल गांधी की ओर से ब्रेकफास्ट के लिए जिन सियासी दलों को न्योता भेजा गया है उनमें पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस, तमिलनाडु की सत्ता पर काबिज द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) के साथ ही कांग्रेस की पुरानी गठबंधन सहयोगी शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) भी शामिल है। इनके अलावा राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), समाजवादी पार्टी (सपा) को भी न्योता भेजा गया है।
आयोजित ब्रेकफास्ट में बहुजन समाज पार्टी नहीं होगी शामिल
बता दें कि राहुल गांधी ने सीपीआईएम, सीपीआई, नेशनल कॉन्फ्रेंस, आम आदमी पार्टी, आईयूएमएल, आरएसपी, केसीएम और वीसीके को भी ब्रेकफास्ट पर बुलाया है। जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी की ओर से ब्रेकफास्ट के लिए लगभग 17 दलों को निमंत्रण दिया गया है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी की ओर से आयोजित ब्रेकफास्ट में बहुजन समाज पार्टी शामिल नहीं होगी।
विपक्ष को एकजुट करने की पहल
एनसीपी की ओर से सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल, टीएमसी की ओर से सौगत रॉय कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित ब्रेकफास्ट में शामिल होंगे। माना जा रहा है कि राहुल गांधी ने संसद में आगे की रणनीति तैयार करने और विपक्ष को एकजुट करने के लिए यह पहल की है। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान आया था कि कांग्रेस ये तय करे कि उसे यूपी में बीजेपी से लड़ना है या सपा से।
2024 के आम चुनाव पर राहुल की नजर
हालांकि, राहुल के चाय-नाश्ते का एजेंडा संसद में गतिरोध है लेकिन माना जा रहा है कि यूपी चुनाव को लेकर सपा के रुख को देखते हुए बदले हालात में राहुल की इस गोलबंदी के चुनावी निहितार्थ भी हैं। उनकी नजर 2024 के आम चुनाव पर भी है। बता दें कि राहुल गांधी इस बार संसद में आक्रामक तेवर देखने को मिल रहे हैं।