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पहली बार अकेले रेल यात्रा पर निकला बेटा, फोन ना लगने पर पिता ने रेल मंत्री को किया ट्वीट, फिर ये हुआ
Railway News : पहली बार अकेले रेल यात्रा पर निकले लड़के का फोन स्विच ऑफ हो जाने के बाद पिता ने रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव से ट्वीट कर मदद मांगा। जिसके बाद रेल मंत्री ने मदद किया।
Railway Minister Ashwani Vaishnav (Image Credit : Social Media)
Mangaluru News : सोशल मीडिया के आने से कई संस्थानों का आम नागरिकों के साथ जुड़ाव बहुत ही आसानी से हो गया है। लोग अपनी समस्याओं के बारे में संस्थान को टैग कर सोशल मीडिया (social media) पर लिखते हैं और संस्थान बड़ी आसानी से उनकी मदद कर पाता है। बीते कुछ सालों में भारतीय रेल (Indian Rail) सोशल मीडिया के जरिए अपने यात्रियों समस्याओं को सुलझा रहा है। हाल ही में एक मामला मंगलुरू से सामने आया जहां एक 16 वर्षीय लड़का पहली बार अकेले ट्रेन की यात्रा करके अपने पैतृक गांव जाने का फैसला किया।
माता पिता आशीर्वाद लेकर बेहद उत्साह के साथ लड़के ने अपना सफर शुरू किया। उधर मां-बाप को भी खुशी था की अब बेटा खुद अपने कामों को करने में सक्षम हो गया है। ट्रेन चली और लड़के का सफर शुरू हुआ। जब 5 घंटे बीत जाने के बाद भी लड़के की ओर से माता-पिता के पास कोई कॉल नहीं किया तो माता-पिता घबराने लगी उन्होंने अपने बेटे को फोन किया मगर फोन करने पर जब कुछ रिस्पांस नहीं मिला तो वो लोग और ज्यादा घबरा गए।
रेल मंत्री से परिवार ने मांगी मदद
रिपोर्ट के मुताबिक यह मामला 19 अप्रैल का है। लड़के के पिता किशन राव एक कंपनी के महाप्रबंधक हैं। जब उन्होंने अपने 10वीं में पढ़ने वाले 16 वर्षीय बेटे शांतनु को बार-बार कॉल किया और कॉल नहीं लगा तो उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को ट्वीट कर मदद मांगा। ट्वीट करने के महज आधे घंटे बाद ही किशन राव के मोबाइल पर एक फोन आया फोन पर दूसरी ओर उनका बेटा शांतनु कहता है 'पापा मैं ठीक हूं।'
बता दें किशन राव द्वारा अपने बेटे के बारे में जानकारी पाने के लिए रेल मंत्री को किए गए ट्वीट के 34 मिनट बाद ही रेलवे प्रशासन ने बेटे शांतनु की बात उसके पिता किशन राव से करवाई। यह पहला मौका नहीं है जब रेलवे ने सोशल मीडिया के माध्यम से मिले शिकायत या मदद की गुहार पर कोई निवारण नहीं किया है। इसके पहले हाल ही में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में ट्रेन के अंदर एक 3 वर्षीय बच्चे की तबीयत खराब होने के बाद स्टेशन पर ट्रेन रुकवा कर बच्चे को रेलवे प्रशासन ने मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई थी।