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Rajnath Singh Ladakh Visit: लेह पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्वी लद्दाख के रेजांग ला युद्ध स्मारक का करेंगे उद्घाटन
Rajnath Singh Ladakh Visit: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लेह पहुंच गए हैं। वह पूर्वी लद्दाख के रेजांग ला में नए सिरे से बने युद्ध स्मारक का उद्घाटन करेंगे, जहां भारतीय सैनिकों ने 1962 में चीनी सेना का वीरता से मुकाबला किया था। इसी दिन रेंजागल लड़ाई को 59 साल पूरे हो रहे है।
Rajnath Ladakh Visit: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) लेह (Leh) पहुंच गए हैं। वह पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) के रेजांग ला में नए सिरे से बने युद्ध स्मारक (Rejang La War Memorial) का उद्घाटन करेंगे, जहां भारतीय सैनिकों ने 1962 में चीनी सेना का वीरता से मुकाबला किया था। इसी दिन रेंजागल लड़ाई (renzagal fight) को 59 साल पूरे हो रहे है। साल 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध (1962 india-China War) के दौरान भले ही भारत को मुंह की खानी पड़ी हो लेकिन रेजांगला के युद्ध में भारतीय सेना की कुमाऊं रेजीमेंट ('13 कुमाऊं') के सैनिकों ने चीनी सेना के दांत खट्टे कर दिए थे।
बहादुर भारतीय सैनिकों को समर्पित है स्मारक
स्मारक (Rejang La War Memorial) उन बहादुर भारतीय सैनिकों को समर्पित है, जिन्होंने रेजांग ला की लड़ाई (Rejang La War) में अपने प्राणों की आहुति दी थी। नए वॉर मेमोरियल पर रेजांगला युद्ध (Rejang La War Memorial) के वीर सैनिकों के नाम तो होंगे ही साथ ही पिछले साल यानि 2020 में चीना सेना के साथ हुए गलवान घाटी की हिंसा (Galwan Valley Violence) में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के नाम भी लिखे जाएंगे।
कमांडरों के साथ सुरक्षा स्थिति की समीक्षा भी करेंगे राजनाथ
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि स्मारक का उद्घाटन (Rejang La War Memorial) करने के बाद रक्षा मंत्री (Defense Minister Rajnath Singh) क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद (China border dispute) की पृष्ठभूमि में सेना के शीर्ष कमांडरों के साथ सुरक्षा स्थिति की समीक्षा (Security Status Review) भी करेंगे। प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत (Chief Defense Chief General Bipin Rawat) भी अपनी लद्दाख यात्रा (Ladakh Yatra) के दौरान रक्षा मंत्री (Defense Minister Rajnath Singh) के साथ जाने के लिए तैयार हैं। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे (Army Chief General MM Naravane) रेजांग ला में कार्यक्रम (Rejang La Program) में शामिल नहीं हो पाएंगे क्योंकि वह इजरायल की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं।
ये है इतिहास
बता दें कि सेना की 13 कुमाऊं बटालियन की चार्ली कंपनी (Charlie Company of 13 Kumaon Battalion) ने 18 नवंबर 1962 को लद्दाख में रेजांग ला दर्रे (Rezang La Pass in Ladakh) पर चीनी सैनिकों के हमले का जवाब दिया था। इस कंपनी में लगभग सभी सैनिक दक्षिणी हरियाणा के निवासी थे, टुकड़ी में 120 सैनिक थे, जिनका नेतृत्व मेजर शैतान सिंह (Major Shaitan Singh) ने किया था। इस लड़ाई में टुकड़ी के कुल सैनिकों में से 114 शहीद हो गए थे। इन सैनिकों ने 18 नवंबर 1962 को बेहद ठंड में देश की रक्षा करने के लिए लड़ाई लड़ी थी, हथियार पुराने थे और गोलाबारूद की कमी थी। उनके कपड़े ठंड से बचने के लिए प्रभावी नहीं थे और खाना भी कम था, चार्ली कंपनी (Charlie Company) के पराक्रम से न केवल चीन को आगे बढ़ने से रोका जा सका बल्कि चुशूल हवाई अड्डे (Chushul Airport) को भी बचाने में कामयाबी मिली।