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Rajnath Singh: रक्षामंत्री ने जम्मू-कश्मीर में AFSPA पर दिया बड़ा बयान, भारत-चीन टकराव पर भी बोले
Rajnath Singh: भारत-पाक युद्ध के शूरवीरों के सम्मान समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जल्द ही जम्मू-कश्मीर में हालात पूरी तरह सामान्य हो तो वहां से भी AFSPA हट सके।
Rajnath Singh On AFSPA : देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) वर्ष 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के शूरवीरों के सम्मान में आयोजित समारोह में शामिल हुए। इस दौरान अपने संबोधन में भारत और चीन के बीच हुए युद्ध का भी जिक्र किया। रक्षा मंत्री ने कहा, 'दुनिया की कितनी भी बड़ी ताकत हो, वह भारत माता का शीश नहीं झुका सकती।' इस दौरान रक्षा मंत्री AFSPA पर भी बड़ा बयान दिया।
सम्मान समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले, 'इस बार भारत और चीन (Indo-China) के टकराव के वक्त मैंने अपनी सेना के शौर्य को देखा। भारतीय सेना के पराक्रम को देखने के बाद मेरा भरोसा इस बात को लेकर पक्का हो गया, कि दुनिया की चाहे कितनी भी बड़ी ताकत हो वह भारत माता की शीश को कभी नहीं झुका सकती।
आपसी प्रेम और सौहार्द बना रहे
राजनाथ सिंह ने आगे कहा, 'भारत को सुरक्षित रखने का कार्य अगर हमारे सीमा प्रहरी सैनिक कर रहे हैं, तो इसकी एकता, अखंडता और भाईचारे को बरकरार रखने की जिम्मेदारी हमारी है। देश में हमेशा अमन-चैन बना रहे। आपसी प्रेम और सौहार्द बना रहे। हम लगातार विकास के पथ पर बढ़ते रहें। यही हमारी कोशिश है।'
AFSPA हटाने पर क्या बोले?
इसी समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने AFSPA का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, कुछ लोग यह मानते हैं कि AFSPA हटे। यह भारतीय सेना नहीं चाहती है। मैं आज इस मंच से कहना चाहता हूं, कि भारतीय सेना की इंटरनल सिक्योरिटी (internal security) मामले में न्यूनतम भूमिका होती है। सेना तो यही चाहती है कि जल्द ही जम्मू-कश्मीर में हालात पूरी तरह सामान्य हो जाए। वहां से भी AFSPA हट सके। उन्होंने कहा, हाल ही में असम के 23 जिलों से AFSPA पूरी तरह हटाया गया है। मणिपुर तथा नागालैंड के 15-15 पुलिस थानों से AFSPA हटाया गया। यह मायने रखता है। यह इस इलाके में आई स्थिरता का नतीजा है।
विपक्षी दलों पर भी साधा निशाना
इस दौरान रक्षा मंत्री ने देश के विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा। राजनाथ बोले, 'हर लोकतंत्र में विपक्षी दल भी होते हैं। मैं विरोधी दलों पर आरोप लगाना नहीं चाहता मगर कुछ लोग ऐसे हैं, जो कुछ ऐसी बातें बात बोल देते हैं जिससे लगता है कि हमारे सेना के शौर्य और पराक्रम को छोटा कर देखा जा रहा है। तब मुझे ठेस पहुंचती है।'
सेना की वर्दी एकजुटता का प्रतीक
रक्षा मंत्री आगे कहते हैं, 'भारत की संस्कृति इस देश में रहने वाले सभी मजहब के लोगों को एक साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है। सेना की वर्दी इसी एकजुटता का प्रतीक है। क्योंकि, भारतीय सेना की वर्दी पहनने के बाद उसका सिर्फ़ सैनिक धर्म होता है। जो हमारी सेना बखूबी निभाती भी है।'