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'आत्मनिर्भर भारत' का विजन: राजनाथ सिंह जारी करेंगे रक्षा क्षेत्र में उपकरणों और हथियारों की तीसरी लिस्ट
उल्लेखनीय है कि 101 वस्तुओं की पहली सूची और 108 वस्तुओं की दूसरी सूची के आधार पर तीसरी सूची को तैयार किया गया है। इन दोनों सूचियों को 21 अगस्त, 2020 और 31 मई, 2021 को जारी किया गया था।
Rajnath Singh: इन दिनों पूरे देश में शक्ति की पर्याय मां दुर्गा की आराधना चल रही है। इन सबके बीच देश को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश में जुटी मोदी सरकार कल गुरुवार को एक और बड़ी सफलता बताने का काम करेगी। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 7 अप्रैल को नई दिल्ली में उन प्रमुख उपकरणों की तीसरी सूची जारी करेंगे, जिनका दिसंबर 2025 तक पूरी तरह से स्वदेशीकरण किया जाना है।
उल्लेखनीय है कि 101 वस्तुओं की पहली सूची और 108 वस्तुओं की दूसरी सूची के आधार पर तीसरी सूची को तैयार किया गया है। इन दोनों सूचियों को 21 अगस्त, 2020 और 31 मई, 2021 को जारी किया गया था।
पहली सूची के प्रमुख मदों में 155 एमएम/39 सीएएल अल्ट्रा-लाइट होवित्जर, हल्के लड़ाकू विमान (एलसीडब्ल्यू) एमके- आईए - उन्नत स्वदेशी सामग्री, पारंपरिक पनडुब्बी और संचार उपग्रह जीसैट-7सी शामिल हैं।
वहीं, दूसरी सूची के प्रमुख वस्तुओं अगली पीढ़ी का युद्धपोत, भूमि आधारित एमआरएसएएम हथियार प्रणाली, स्मार्ट एंटी-फील्ड हथियार प्रणाली (एसएएडब्ल्यू) एमके-I, लड़ाकू विमानों के लिए ऑनबोर्ड ऑक्सीजन जनरेशन सिस्टम (ओबीओजीएस) आधारित एकीकृत जीवन समर्थन प्रणाली और टैंक के लिए 1000 हॉर्सपावर (एचपी) इंजन (टी-72) शामिल हैं।
तीसरी सूची में जटिल उपकरण और प्रणालियों सहित 100 से अधिक चीजें शामिल होंगी, जिनकी सूची तैयार की जा रही है और इन्हें अगले पांच वर्षों में फर्म ऑर्डर में रूपांतरित करने की संभावना है। तीसरी सूची में शामिल वस्तुओं के तहत अगले पांच वर्षों में उद्योग को 2,10,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऑर्डर दिए जाने की संभावना है। इस अधिसूचना के साथ जटिल हथियार प्रणालियों से लेकर बख्तरबंद वाहनों, लड़ाकू विमानों और पनडुब्बियों आदि जैसे महत्वपूर्ण प्लेटफार्मों तक 300 से अधिक परिष्कृत वस्तुओं को शामिल किया जाएगा।
पहली और दूसरी सूची की अधिसूचना के बाद से सशस्त्र बलों ने 53,839 करोड़ रुपये की 31 परियोजनाओं के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। वहीं, 1,77,258 करोड़ रुपये की 83 परियोजनाओं के लिए आवश्यकता स्वीकृति (एओएन) दी गई है। इसके अलावा अगले पांच-सात वर्षों में 2,93,741 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जाएगा।
तीसरी सूची की अधिसूचना रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की एक प्रमुख पहल है और घरेलू उद्योग में सरकार के इस बढ़ते विश्वास को दिखाता है कि वे सशस्त्र बलों की मांग को पूरा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के उपकरण का निर्माण और इसकी आपूर्ति कर सकते हैं।