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मीनाक्षी लेखी के बयान पर भड़के राकेश टिकैत, बताया किसानों को अन्नदाता
विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों पर टिप्पणी करते हुए उन्हें मवाली कहा, जिसपर राकेश टिकैत ने पलटवार किया है...
विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों पर टिप्पणी करते हुए उन्हें मवाली बताया, जिसपर किसान नेता राकेश टिकैत ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के किसानों को लेकर इस तरह की टिप्पणियां करना गलत है। हम किसान हैं, बदमाश नहीं हैं। हम किसान इस देश के 'अन्नदाता' हैं। उन्होंने आगे कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने का ये भी एक तरीका है। जब तक संसद चलेगी हम यहां आते रहेंगे। सरकार चाहेगी, तो बातचीत शुरू हो जाएगी।
' मेनाक्षी लेखी ने 80 करोड़ लोगों का अपमान किया है'
वहीं, किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा, 'इस तरह की टिप्पणी देश के 80 करोड़ लोगों का अपमान है। अगर हम बदमाश हैं, तो मिनाक्षी लेखी जी को अन्ना खाना छोड़ देना चाहिए जो हम उगाते हैं। उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए। हमने किसानों की संसद में उनके बयान पर निंदा प्रस्ताव पारित किया है।'
मीनाक्षी लेखी ने कहा- किसान नहीं मवाली हैं
इससे पहले मीनाक्षी लेखी ने प्रेस वार्ता में कहा था, "वे किसान नहीं मवाली हैं। इसका संज्ञान भी लेना चाहिए, ये आपराधिक गतिविधियां हैं, जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वो भी शर्मनाक था, आपराधिक गतिविधियां थी, उसमें विपक्ष द्वारा ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया गया।"
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन
संसद में मानसून सत्र के बीच केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने मध्य दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। पुलिस ने मध्य दिल्ली के चारों ओर सुरक्षा बढ़ा दी है और वाहनों की आवजाही पर कड़ी नजर रखी जा रही है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अधिकतम 200 किसानों को 9 अगस्त तक जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी है। संसद भवन इससे कुछ ही मीटर की दूरी पर है। पुलिस की सुरक्षा के साथ 200 किसानों का एक समूह बसों में सिंघू बॉर्डर से जंतर-मंतर पहुंचे थे।