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Rakesh Tikait Statement: पीएम मोदी पर लगाया ये गंभीर आरोप, राकेश टिकैत ने कहा- कल देश भर में मनाया जाएगा 'विश्वासघात दिवस'

Rakesh Tikait Statement: भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने पीएम मोदी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है और कहा है कि कल पूरे देश भर में ‘विश्वासघात दिवस’ मनाया जाएगा।

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Newstrack NetworkPublished By Shashi kant gautam
Published on: 30 Jan 2022 4:12 PM GMT
Rakesh Tikait Statement: पीएम मोदी पर लगाया ये गंभीर आरोप, राकेश टिकैत ने कहा- कल देश भर में मनाया जाएगा विश्वासघात दिवस
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Rakesh Tikait Statement: केंद्र सरकार (Cnetral Government) पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए भारतीय किसान किसान (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने कृषि मुद्दों पर देशभर में 'विश्वासघात दिवस' मनाने की घोषणा की है। नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने रविवार को केंद्र पर किसानों से किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया है।

राकेश टिकैत ने कहा कि 9 दिसंबर को सरकार द्वारा किए गए वादों के एक पत्र के आधार पर दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय से चल रहे विरोध प्रदर्शन को वापस ले लिया गया था, लेकिन वादे अधूरे रह गए।

राकेश टिकैत ने एक ट्वीट में कहा कि सरकार द्वारा किसानों से वादाखिलाफी (breach of promise) के खिलाफ कल 31 जनवरी को देशव्यापी "विश्वासघात दिवस" मनाया जाएगा। सरकार के 9 दिसंबर के जिस पत्र के आधार पर आन्दोलन स्थगित किया गया था, सरकार ने उनमें से कोई वादा पूरा नहीं किया है!

मोदी सरकार ने दिल्ली में MSP पर जो भी वादा किया है उसे पूरा करे-टिकैत

टिकैत ने आगे कहा कि सरकार के 9 दिसंबर के जिस पत्र के आधार पर आन्दोलन स्थगित किया गया था, सरकार ने उनमें से कोई वादा पूरा नहीं किया है। राकेश टिकैत ने कहा कि मोदी सरकार ने दिल्ली में MSP पर जो भी वादा किया है उसे पूरा करे। हम चुनाव से अलग हैं हमारा एक मत है हम भी किसी को दे देंगे। मैं किसी का समर्थन नहीं कर रहा। जनता सरकार से खुश होगी तो उन्हें वोट देगी, नाराज होगी तो किसी और को वोट देगी।

राकेश टिकैत: Photo - Social Media

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी

गौरतलब हो कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों (Three controversial agricultural laws) को वापस लेने की मुख्य मांगों को लेकर नवंबर 2020 में किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। किसानों ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों पर एक साल से अधिक समय तक सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2021 में विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने दिसंबर में दिल्ली की सीमाओं को खाली कर दिया।

किसानों ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी की मांग की थी

भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र द्वारा पेश किए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की मुख्य मांगों को लेकर नवंबर 2020 में किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था। एक साल से अधिक समय से सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी की भी मांग की थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने नवंबर 2021 में घोषणा की थी कि विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस ले लिया जाएगा। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने दिसंबर में दिल्ली की सीमाओं को खाली कर दिया। किसानों को एमएसपी समेत अन्य मुद्दों को भी हल करने का आश्वासन दिया गया था।

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