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Ram Navami 2022: रामनवमी का क्यों है विशेष महत्त्व, जानें शुभ मुहर्त और पूजन विधि

Ram Navami 2022: श्री राम भगवान् के जन्मदिवस के रूप में ही प्रत्येक वर्ष श्री राम के जन्म दिवस के उपलक्ष में रामनवमी के इस त्यौहार को बड़े ही हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

Preeti Mishra
Written By Preeti MishraPublished By Monika
Published on: 9 April 2022 8:02 AM GMT
Ram Navami
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रामनवमी (फोटो : सोशल मीडिया ) 

Ram Navami 2022: रामनवमी का त्यौहार कल यानि रविवार 10 अप्रैल को मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में रामनवमी का विशेष महत्त्व होता है। मान्यताओं के अनुसार भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में रामनवमी का त्यौहार मनाया जाता है। आदर्श पुरुष भगवान राम को मर्यादापुरुषोत्तम भी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान् विष्णु ही मनुष्य रूप जन्म लेकर मर्यादापुरुषोत्तम श्री राम बनें। कहा जाता है कि एक पुरुष का चरित्र भगवान श्रीराम की तरह ही होना चाहिए। जिन्होंने धरती पर जन्म लेकर अपने हर रूप में मर्यादा के साथ आदर्श को स्थापित किया। श्री राम भगवान् के जन्मदिवस के रूप में ही प्रत्येक वर्ष श्री राम के जन्म दिवस के उपलक्ष में रामनवमी के इस त्यौहार को बड़े ही हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

हिन्दू मान्यता के अनुसार यह दिन बेहद शुभ होता है। सभी भक्त अपने -अपने तरीकों से भगवान् श्री राम की पूजा -अर्चना कर उपासना करते हैं। नौ दिन चलने वाले चैत्र की नवरात्रि का समापन रामनवमी के दिन ही होता है। भक्त अपने नवरात्रि व्रत का समापन भी इसी शुभ दिन करते है। इस दिन भक्त कन्या पूजन और हवन करके अपने व्रत का समापन करते है। मयताओं के अनुरूप रामनवमी के दिन बहुत से भक्त अयोध्या के नदी सरयू में स्नान कर अपने व्रत का समापन करते हैं।कहा जाता है कि रामनवमी के दिन व्रत रखने से व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो कर व्यक्ति को मनचाहे फल की प्राप्ति हो जाती है।

बता दें कि रामनवमी इस वर्ष रविवार 10 अप्रैल 2022 को मनाई जाएगी। बता दें कि चैत्र नवरात्रि के समापन के साथ ही रामनवमी पर्व की शुरुआत हो जाती है। इस दिन भक्त मंदिर और अपने घर पर भी पुरे विधि -विधान से माता रानी को विदाई देकर भगवान् श्री राम के जन्मोत्सव को रामनवमी के रूप में हर्षोउल्लास के साथ मनाते हैं।

शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त- 04:31am 05:16 am, अभिजित मुहूर्त- 11:57 am से 12:48 pm, विजय मुहूर्त- 02:30 pm से 03:21 pm, गोधूलि मुहूर्त- 06:31 pm से 06:55 pm, अमृत काल- 11:50 pm से 01:35 am, अप्रैल 11, निशिता मुहूर्त- 12:00 pm से 12:45 am, अप्रैल 11, रवि पुष्य योग- पूरे दिन, सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरे दिन, रवि योग- पूरे दिन

पूजन विधि

रामनवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर पर सबसे पहले स्नान कर साफ वस्त्र धारण कर भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी की प्रतिमाओं को रोली का तिलक लगाएं। फिर भगवान श्रीराम को चावल, फूल, घंटी और शंख भगवान अर्पित कर विधिवत पूजा करें। इसके बाद श्रीराम के मंत्रों का जाप कर रामायण पढ़ें और हो सके तो रामचरितमानस का भी विधिवत पाठ करें। अंत में सभी देवी -देवताओं की की आरती उतारें। मयताओं के अनुसार इस दिन भगवान श्रीराम को झूला अवश्य झुलाना चाहिए। अंत में ब्राह्मण और किसी निर्धन व्यक्ति को अपने यथासंभव चीज़ों का दान करें। मान्यताओं के अनुसार रामनवमी का व्रत करने से जीवन सभी प्रकार की सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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