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रामदेव-IMA विवाद में कूदे आचार्य बालकृष्ण, धर्मांतरण की साजिश के बयान पर बवाल
बाबा रामदेव और IMA के बीच चल रहे विवाद में अब आचार्य बालकृष्ण भी कूद पड़े हैं और विवादित बयान से नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है।
Ramdev-IMA Controversy: योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के बीच कई दिनों से चल रहे विवाद में अब आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) भी कूद पड़े हैं। उन्होंने इस पूरे मामले को ईसाई धर्मांतरण की साजिश से जोड़कर नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है।
आचार्य बालकृष्ण ने इस बाबत किए गए अपने ट्वीट में लिखा कि पूरे देश के लोगों को ईसाई बनाने के लिए साजिश रची जा रही है और इस साजिश के तहत ही बाबा रामदेव को टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने योग और आयुर्वेद को बदनाम करने का भी आरोप लगाया।
कोरोनिल से स्वस्थ होने का दावा
आचार्य बालकृष्ण ने इस बाबत जारी अपने एक बयान में कहा कि बाबा रामदेव ने एलोपैथी का कोई उपहास नहीं उड़ाया। वे तो सिर्फ मॉडर्न मेडिसिन का सेवन करने के बावजूद डॉक्टरों की मौत पर दुख जता रहे थे। यदि हम मौजूदा दौर को देखें तो मॉडर्न मेडिसिन का सेवन करने वाले और वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके डॉक्टरों की भी मौत हुई है।
उन्होंने कहा कि पतंजलि के पास लाखों ऐसे मरीजों का डेटा है जो कोरोनिल से स्वस्थ हुए हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी वैज्ञानिकों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं और वे इस बाबत हमारे यहां आकर पड़ताल भी कर सकते हैं। हालांकि उन्होंने अपने ट्वीट को लेकर बयान में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया।
बालकृष्ण की नागरिकता पर उठाया सवाल
आचार्य बालकृष्ण की ओर से पूरे मामले को ईसाई धर्मांतरण से जोड़ने के ट्वीट के बाद बवाल मच गया है। कांग्रेस की उत्तराखंड प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने आचार्य बालकृष्ण की भारतीय नागरिकता पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि जिसकी नागरिकता संदिग्ध हो, उसे भारत के निजी मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि आचार्य बालकृष्ण पूरे मामले को सांप्रदायिक रंग देने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आचार्य बालकृष्ण के ट्वीट से साफ है कि पतंजलि और वे दोनों मानसिक रूप से दिवालिया हो चुके हैं।
आईएमए के साथ विवाद फिर गहराया
योगगुरु बाबा रामदेव और आईएमए के बीच एलोपैथी दवाओं को लेकर विगत कई दिनों से विवाद चल रहा है। बाबा रामदेव के बयान पर आईएमए की तीखी आपत्ति के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने बाबा रामदेव को पत्र लिखा था और उनसे बयान वापस लेने का अनुरोध किया था।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के इस पत्र के बाद बाबा रामदेव ने अपने बयान पर खेद जताया था मगर दूसरे दिन उन्होंने फिर नया बयान देकर 25 सवाल दागे। उनके इस बयान के बाद आईएमए के साथ उनका विवाद फिर भड़क उठा है। अब इस विवाद में आचार्य बालकृष्ण की भी एंट्री हो गई है।
बाबा रामदेव पर केस दर्ज करने की मांग
उत्तराखंड आईएमए के प्रदेश सचिव डॉ अमित खन्ना का कहना है कि सच्चाई तो यह है कि बाबा रामदेव की कोरोनिल बाजार में बिक नहीं पा रही है। इस वजह से बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण में बौखलाहट दिख रही है और वे अनाप-शनाप बयान देने में जुटे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि इस समय पूरे देश में कोरोना महामारी का संकट है और ऐसे समय में इस तरह के बयान नहीं दिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि मौजूदा संकट काल में इस तरह का बयान देने पर बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।