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अब बच्चों के वैक्सीनेशन की तैयारी, 2-18 आयु वर्ग के लिए कोवैक्सीन के ट्रायल की सिफारिश

वैक्सीन के दूसरे व तीसरे चरण का ट्रायल दिल्ली एम्स, पटना एम्स नागपुर में किया जाएगा।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Chitra Singh
Published on: 12 May 2021 5:31 AM GMT
covaxin trials
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कोवैक्सीन (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: देश में कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी ही लहर की भी आशंका जताई जा रही है और तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की बात कही जा रही है। ऐसे में आने वाले दिनों में बच्चों के लिए अच्छी खबर मिलने की उम्मीद जगी है। एक एक्सपर्ट कमेटी ने 2 से 18 आयु वर्ग वाले बच्चों के लिए भारत बायोटेक (Biotech) के टीके कोवैक्सीन (Covaxin) के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की सिफारिश की है।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने मंगलवार को वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की सिफारिश की है। यह ट्रायल दिल्ली एम्स, पटना एम्स और मेडिट्रिना इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, नागपुर में किया जाएगा।

विशेषज्ञ समिति ने की सिफारिश

भारत बायोटेक ने सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन के पास कोवैक्सीन टीके के 2 साल से 18 साल के बच्चों में परीक्षण करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था। सीडीएससीओ की कोविड-19 विशेषज्ञ समिति ने मंगलवार को भारत बायोटेक के इस आवेदन पर विचार विमर्श किया और भारत बायोटेक को बच्चों में दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की सिफारिश की।

पहले भी किया गया था विचार

इससे पहले 24 फरवरी को हुई बैठक में भी इस प्रस्ताव पर चर्चा की गई थी और भारत बायोटेक को रिवाइज्ड क्लिनिकल ट्रायल प्रोटोकोल पेश करने का निर्देश दिया गया था। मौजूदा समय में आईसीएमआर के सहयोग से भारत बायोटेक द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित कोवैक्सीन टीके का उपयोग देश में 18 वर्ष की आयु से अधिक वाले युवाओं के लिए भी किया जा रहा है।

अमेरिकी अखबार में कोवैक्सीन की तारीफ

सूत्रों का कहना है कि कंपनी के आवेदन पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद ही विशेषज्ञ समिति ने दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की अनुमति दिए जाने की सिफारिश की है। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी अपनी खबर में इस बात की पुष्टि की थी कि कोवैक्सीन रूप बदलने वाले कोरोना वायरस के खिलाफ एंटी बॉडी बनाने का काम करती है। इस टीके के तीसरे ट्रायल के नतीजे घोषित करते हुए आईसीएमआर और भारत बायोटेक ने भी सामान्य कोरोना वायरस पर कोवैक्सीन टीके के 78 फ़ीसदी तक असरदार होने का दावा किया था।

कोवैक्सीन (फोटो- सोशल मीडिया)

अमेरिका ने दो दिन पूर्व दी थी मंजूरी

अमेरिका में सोमवार को ही फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने 12 से 15 साल के बच्चों के लिए फाइजर बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन को लगाने की इजाजत दी है। अब तक अमेरिका में यह वैक्सीन 16 साल से ज्यादा उम्र वालों को ही लगाई जा रही थी।

एफडीए के कार्यकारी आयुक्त डॉ. जेनेट वुडकॉक का कहना था कि वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर काफी सोच समझकर फैसला किया गया है, क्योंकि यह हमें सामान्य स्थिति में लौटने में पूरी मदद करेगा। उनका कहना था कि एफडीआई की मंजूरी के बाद माता पिता और अभिभावक बच्चों को लेकर भी आश्वस्त हो सकते हैं।

मंजूरी देने वाला कनाडा पहला देश

अमेरिका से पहले कनाडा ने फाइजर की वैक्सीन को 12 से 15 आयु वर्ग के बच्चों को लगाने की अनुमति दी थी। 12 साल के बच्चों के लिए वैक्सीन को मंजूरी देने वाला कनाडा दुनिया का पहला देश है। इससे पहले 16 साल या इससे ज्यादा उम्र के लोगों को ही टीका लगाने की अनुमति थी। हेल्थ कनाडा में मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ सुप्रिया शर्मा का कहना था कि इस बाबत सबूतों और अध्ययन से पता चला है कि इस आयु वर्ग के लिए वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है।

Chitra Singh

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