TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

जौहर यूनिवर्सिटी: आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से राहत, जमीन टेकओवर के आदेश पर रोक

इस मामले में अगस्त महीने में सुनवाई होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12.5 एकड़ जमीन छोड़कर शेष 450 एकड़ से ज्यादा पर सरकार के नियंत्रण का आदेश दिया था। इसी पर आज रोक लगाई गई है।

aman
Published By aman
Published on: 18 April 2022 1:04 PM IST (Updated on: 18 April 2022 1:23 PM IST)
relief for azam khan supreme court stays Allahabad high court order on maulana jauhar university
X

maulana jauhar university

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के कद्दावर नेता आजम खान (Azam Khan) से संबंधित मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट (Maulana Mohammad Ali Jauhar Trust) से जुड़े मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) से राहत भरी खबर आई। सर्वोच्च अदालत ने यूनिवर्सिटी बनवाने के लिए अधिगृहीत जमीन (Acquired Land) सरकार को लौटाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है।

बता दें कि, अब इस मामले में अगस्त महीने में सुनवाई होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12.5 एकड़ जमीन छोड़कर शेष 450 एकड़ से ज्यादा पर सरकार के नियंत्रण का आदेश दिया था। इसी पर आज रोक लगाई गई है।

आजम खान के लिए अच्छी खबर

जानकारी के लिए बता दें कि, मौलाना जौहर यूनिवर्सिटी (Maulana Jauhar University) के जिस मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है वह उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में है। लंबे समय बाद समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान और उनके परिवार के लिए ये अच्छी खबर मानी जा रही है। ज्ञात हो कि, आजम खान और उनके परिवार के सदस्य इस विश्वविद्यालय के ट्रस्टी भी हैं।

क्या था मामला?

दरअसल, सपा नेता आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के उस फैसले को सही ठहराया था जिसमें कहा गया था कि जौहर विश्वविद्यालय (Jauhar University) की साढ़े 12 एकड़ जमीन को छोड़, शेष जमीन का अधिग्रहण अवैध है। जिसके बाद यूपी की योगी सरकार इस जमीन पर कब्जा कर रही थी।हाईकोर्ट ने कहा था, कि पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा नेता आजम खान के मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट, रामपुर द्वारा अधिग्रहीत साढ़े 12 एकड़ जमीन के अतिरिक्त का अधिग्रहण अवैध है।

क्या कहा था हाईकोर्ट ने?

सुप्रीम कोर्ट के आज के आदेश से पहले इसी मामले की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था, कि अनुसूचित जाति की जमीन बिना जिलाधिकारी (DM) के परमिशन अवैध रूप से ली गई है। ऐसा करना अधिग्रहण शर्तों (Acquisition Terms) का उल्लंघन कर शैक्षिक कार्य के लिए निर्माण के बजाय मस्जिद का निर्माण कराया गया है। साथ ही, ग्राम सभा की सार्वजनिक उपयोग की रोड, जमीन व नदी किनारे की सरकारी जमीन यूनिवर्सिटी के लिए ले ली गई। किसानों से जबरन बैनामा कराया गया है। बता दें, कि इस मामले में 26 किसानों ने आजम खान के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कराई थी।

आज की सुनवाई में क्या?

सर्वोच्च अदालत ने आज यानी सोमवार की सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल (Solicitor General) ने यूनिवर्सिटी की ओर से दायर याचिका का विरोध किया था। उनका कहना था कि शिक्षा के मकसद से ली गई जमीन का दूसरी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया गया। अब सुप्रीम कोर्ट की तरफ से यूपी सरकार को नोटिस भेजा गया है। इस मामले की अगली सुनवाई अगस्त में होने की संभावना है। हालांकि, सॉलिसिटर जनरल ने जल्द सुनवाई की गुजारिश की है।



\
aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story