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Inflation Down: महंगाई के मोर्चे से आई राहतभरी खबर, थोक महंगाई में आई गिरावट, इस तरह आम लोगों को पहुंचेगा राहत
Inflation Down : खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतें बढ़ने के बावजूद थोक महंगाई में गिरावट आई है।
Inflation Down: बीते तीन सालों से कोरोना के लगातार प्रकोप के कारण महंगाई में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई। महंगाई के दंश ने आम जनजीवन को काफी प्रभावित कर दिया था। कमाई के साधन घटने और दैनिक जरूरतों की चीजों पर खर्च अधिक होने के कारण लोगों की आर्थिक हालत खास्ता हो चुकी है। ऐसे में महंगाई के मोर्चे से एक राहतभरी खबर आई है। जो महंगाई के दंश के परेशाने लोगों को थोड़ा सुकुन दे सकती है। सरकार आंकड़ों के मुताबिक थोक मूल्य सूचकांक(WPI) आधारित महंगाई में गिरावट दर्ज की गई है। इस साल जनवरी में WPI आधारित महंगाई घटकर 12.96 फीसदी पर आ गई है।
थोक महंगाई में गिरावट आई
सरकारी डेटा के मुताबिक, खाने - पीने की वस्तुओं की कीमतें बढ़ने के बावजूद थोक महंगाई में गिरावट आई है। बीते साल दिसंबर में थोक मूल्य सूचकांक(WPI) आधारित महंगाई 13.56 फीसदी थी, जो इस साल जनवरी में घटकर12.96 फीसदी पर आ गई है। इसी प्रकार महीने दर महीने आधार पर दिसंबर की कोर महंगाई 11 फीसदी से घटकर 9.7 फीसदी पर रही है इस राहत के बावजूद थोक महंगाई अप्रैल 2021 से लगातार 10वें महीने 10 फीसदी से ऊंची बनी हुई है।
सब्जियां महंगी औऱ आलू, प्याज सस्ता
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2022 में खाद्य वस्तुओं की की महंगाई बढ़कर 10.33 फीसदी पर जा चुकी है। बीते साल दिसंबर 2021 में यह 9.56 फीसदी थी। इसी प्रकार जहां सब्जियां, दाल और अनाज महंगी हुई, वहीं आलू और प्याज के दामों में गिरावट दर्ज की गई।
थोक महंगाई घटने से लोंगो को होगा फायदा
थोक महंगाई का असर सीधे खुदरा महंगाई पर पड़ता है। अगर थोक महंगाई बढ़ती है तो खुदरा बिकने वाली चीजें भी महंगी हो जाती हैं। जिससे असर अंततः आम लोगों के जेब पर पड़ता है। वहीं अगर थोक महंगाई कम होती है तब खुदरा महंगाई में भी गिरावट आती है। जिसका फायदा अंततः आम लोगों को होता है।