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रामबाण नहीं Remedisvir: डॉक्टरों की टीम ने दी ये सलाह, न करें स्टोर

रेमेडिसविर इंजेक्शन 'रामबाण' नहीं है, यह केवल उन लोगों में वायरल लोड को कम करता है, जिन्हें इसकी आवश्यकता है।

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Newstrack Network NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 21 April 2021 7:30 PM IST
कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है।
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रेमेडिसविर इंजेक्शन(फोटो-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: पूरे देश में कोरोना वायरस का कहर विकराल रूप धारण कर चुका है। इस संक्रमण से लाखों लोग हर रोज बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। देश के तीन बड़े डॉक्टर्स ने कोरोना के बारे में लोगों को जानकारी दी। इस बारे में डॉक्टर्स की टीम में डॉ रणदीप गुलेरिया (डायरेक्टर AIIMS दिल्ली), डॉ देवी शेट्टी (चेयरमैन, नारायण हेल्थ) और डॉ नरेश त्रेहन (चेयरमैन, मेदांता अस्पताल) शामिल रहे।

रेमेडिसविर इंजेक्शन को लेकर मेदांता के डॉ नरेश त्रेहन ने कहा कि रेमेडिसविर 'रामबाण' नहीं है, यह केवल उन लोगों में वायरल लोड को कम करता है, जिन्हें इसकी आवश्यकता है। अगर ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है तो सुरक्षा के तौर पर इसका उपयोग न करें। क्योंकि ऑक्सीजन की बर्बादी होने से यह उस व्यक्ति को नहीं मिलेगी, जिसे इसकी जरूरत है।

डॉक्टरों ने दी ये सलाह

बता दें कि देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों पर देश के तीन बड़े डॉक्टरों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें तीनों डॉक्टर्स वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक दूसरे से जुड़े। इस बीच मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉ त्रेहन ने कहा कि कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत खुद को आइसोलेट करना चाहिए।

इसके साथ ही बिना देर किए इलाज शुरू कर देना चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने पर फौरन अस्पताल की तरफ न भागें। वहीं मीडियम लक्षण दिखने पर क्‍वारंटीन सेंटर जा सकते हैं और यदि ऑक्‍सीजन लेवल में उतार-चढ़ाव हो रहा है तो अस्पताल में भर्ती हो सकते हैं।

इस बारे में डॉ त्रेहन ने आगे कहा कि अस्‍पतालों के ऐप से जानकारी ले सकते हैं। कम प्रतिशत में लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है। अस्पताल के बेड्स का उपयोग विवेकपूर्ण और जिम्मेदारी के साथ होना चाहिए और यह जिम्मेदारी हम सभी की है।

इंजेक्शन पर नारायण हेल्थ के चेयरमैन डॉक्टर शेट्टी ने बताया कि अगर आपको कोरोना के सिम्प्टम्स नजर आ रहे हैं तो घबराएं नहीं, आप अपने डॉक्टर से बात करें और जितनी जल्दी हो सके कोरोना टेस्ट कराएं। अगर हालत ज्यादा गंभीर नहीं है तो घर पर इलाज करें।

Vidushi Mishra

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