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कोरोना के बाद महंगाई ने तोड़ दी कमर, कहां है सरकार
कोरोना वायरस के बीच आवश्यक खाद्य सामग्री की खुदरा कीमतों के आसमान छूने से आम आदमी और त्रस्त हो गया है।
लखनऊ: कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी की दूसरी लहर में प्रदेश सरकार ने आंशिक लॉकडाउन (Lockdown) का सहारा लिया है लेकिन बड़े व्यापारियों की होल्डिंग पर सरकार का प्रभावी अंकुश न होने से रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली आवश्यक खाद्य सामग्री की खुदरा कीमतें आसमान छूती जा रही हैं। जनता मजबूरी में बढ़ी कीमतों पर खाद्य वस्तुएं खरीदने को मजबूर है। इस संबंध में थोक गल्ला मंडी के एक बड़े आढ़तिये से जब बात की गई तो उनका कहना था कि हां रेट बढ़े हैं लेकिन दोगुने हो गए हैं ऐसा नहीं है।
उन्होंने कहा कि बाहर से पाम आयल आना बंद होने के बाद से रिफाइंड और तेलों के दाम बढ़ने शुरू हो गए थे। थोड़ा बहुत इस बीच भी माल की आवक कम होने से बढ़े हैं। इसके अलावा दाल मिल हो या राइस मिल इस कोरोना काल में 60 फीसद मिलें बंद हो चुकी हैं जिसके चलते अनाज के दाम प्रभावित हुए हैं।
आम लोगों की रसोई का बजट हुआ असंतुलित
लॉकडाउन में आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन पूरे प्रदेश से ऐसी खबरें आ रही हैं कि अनाज और फल सब्जियों की मंडियों के थोक कारोबारियों की ओर से कई खाद्य सामग्रियों की कीमतों में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि कर दी गई है। इससे आम लोगों की रसोई का बजट असंतुलित हो रहा है। इस संबंध में जानकारों का कहना है सरकार की ओर से रोक न होने के बावजूद ट्रांसपोर्ट के लिए वाहन न मिलना, लेबर न मिलना, मिलों का एक एक कर बंद होते जाना इस सबका कुछ न कुछ इफेक्ट तो पड़ेगा ही।
कोरोना संकट के इस दौर में जबकि हर पांच व्यक्तियों में औसतन एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव हो रहा है और उसके साथ उसके परिवार को भी क्वारंटीन हो जाना पड़ रहा। ऐसे में वैसे ही लोगों की आमदनी घट रही है और खर्चे बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में बढ़ी कीमतें कमर तोड़ने का काम कर रही हैं।
कोरोना काल में दवा से लेकर इलाज तक के खर्च में सामान्य परिवारों के पसीने छूट रहे हैं। साधारण से आक्सीमीटर की कीमत 700 से रुपये बढ़ाकर 1600 तक वसूल की जा रही है। मध्यम वर्गीय परिवार पेट्रोल और डीजल के बढ़े दामों से पहले ही त्रस्त थे।
इस बीच रोजमर्रा में उपयोग होने वाले सरसों के तेल व रिफाइंड के खुदरा भाव आसमान छूने से आम आदमी और त्रस्त हो गया है। कई नामी ब्रांड के सरसों तेल 160 रुपये से 180 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गये है।
कोरोना काल के बीच महंगाई की मार
इससे कोरोना काल के बीच महंगाई की मार झेल रहे शहरवासियों के लिए विकट स्थिति होती जा रही है। जिला प्रशासन की ओर से यहां खाद्य पदार्थों की कीमतों पर नियंत्रण करने के लिए दुकानदारों को रेट चार्ट दुकान में लगाने का निर्देश दिया है लेकिन अधिकांश दुकानों में रेट चार्ट नहीं दिखता है। खुदरा दुकानदार कहते हैं कि जब हमें महंगा मिल रहा है तो हम सस्ता कहां से दे दें।
दाल की कीमतों में भी दस से पंद्रह फीसद का इजाफा हुआ है। दूसरे खाद्य पदार्थो के दामों में काफी बढ़ोतरी हुई है। यहां अरहर दाल सौ से 115-120 रुपये प्रतिकिग्रा, मूंग धुली 110 रुपये, मूंग दाल 120 रुपये व चना दाल 80 से 85 रुपये प्रति किग्रा सहित आलू, प्याज, लहसुन के साथ साथ नींबू तक की कीमतें बढ़ गई है। कोविड मरीजों को दिये जाने वाले सेव, कीवी और संतरे के दाम भी मांग ज्यादा होने से लगातार ऊपर चढ़ रहे हैं।