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इंफोसिस के बाद अब अमेजन पर साधा निशाना, संघ से जुड़ी पत्रिका ने की ईस्ट इंडिया कंपनी से तुलना
संघ से जुड़ी इस पत्रिका में देश की प्रतिष्ठित आईटी कंपनी इंफोसिस पर निशाना साधा गया था।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी पत्रिका पांचजन्य ने इंफोसिस के बाद अब अमेरिका की चर्चित ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन पर निशाना साधा है। पांचजन्य ने अमेजन को ईस्ट इंडिया कंपनी 2.0 बताते हुए कहां है कि यह कंपनी भारतीय बाजारों पर एकाधिकार स्थापित करने की कोशिश में जुटी हुई है। पत्रिका ने कहा कि सरकारी नीतियों को अपने अनुकूल बनाने के लिए कंपनी की ओर से करोड़ों रुपए की रिश्वत दी जा चुकी है। पत्रिका के नए संस्करण में छपे एक लेख में अमेजन की नीतियों की भी कड़ी आलोचना की गई है। इससे पूर्व संघ से जुड़ी इस पत्रिका में देश की प्रतिष्ठित आईटी कंपनी इंफोसिस पर निशाना साधा गया था।
बाजार पर एकाधिकार की कोशिश
पांचजन्य ने अपने लेख का शीर्षक ही ईस्ट इंडिया कंपनी 2.0 रखा है। इस लेख में अमेजन की ईस्ट इंडिया कंपनी से तुलना करते हुए कहा गया है कि 18वीं शताब्दी में देश पर कब्जा करने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी की ओर से जो कदम उठाए गए, ठीक वैसी ही गतिविधियां अमेजन की भी दिख रही हैं। यह अमेरिकी कंपनी भारतीय बाजारों पर पूरी तरह एकाधिकार स्थापित करने की कोशिश में जुटी हुई है। उसने दूसरी स्वदेशी कंपनियों की कमर तोड़ने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। भारत में रहने वाले लोगों की राजनीतिक, आर्थिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर भी कब्जा जमाने की साजिश रची जा रही है। कंपनी की गतिविधियां पूरी तरह इस दिशा में ही आगे बढ़ती दिख रही हैं। इस लेख में देश के लोगों को कंपनी की इस तरह की गतिविधियों से पूरी तरह सतर्क रहने को कहा गया है।
भारतीय संस्कृति पर भी हमला
पांचजन्य ने भारतीय संस्कृति पर हमला करने का भी अमेजन पर आरोप लगाया है। लेख में कहा गया है कि अमेजन की ओर से ऐसी फिल्में और वेब सीरीज जारी की जा रही हैं, जो पूरी तरह भारतीय संस्कृति के खिलाफ हैं। कंपनी पैसे के बल पर भारत में अपना प्रचार करने में जुटी हुई है। भारत के लोग कंपनी के शिकंजे में पूरी तरह फंसते जा रहे हैं। कंपनी की इन गतिविधियों को रोकने के लिए समय रहते कदम उठाए जाने जरूरी हैं, नहीं तो देश को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। मालूम हो कि अमेरिका की दिग्गज कंपनी के कानूनी प्रतिनिधियों की ओर से भारत में अपना सिक्का जमाने के लिए रिश्वत दिए जाने का मामला पिछले दिनों काफी हाईलाइट हुआ था। अब सरकार की ओर से इस मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है।
इंफोसिस पर भी साधा था निशाना
अमेज़न पर निशाना साधने से पहले पांचजन्य में छपे एक दूसरे लेख में दिग्गज भारतीय कंपनी इंफोसिस पर निशाना साधा गया था। उस लेख में कहा गया था कि बंगलुरु की इस कंपनी की ओर से भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। इस कंपनी का एकमात्र मकसद भारतीय व्यवस्था को अस्थिर बनाने का है। हालांकि इंफोसिस की ओर से पत्रिका में लगाए गए आरोपों को पूरी तरह गलत बताया गया था मगर यह मामला मीडिया और सोशल मीडिया में काफी चर्चा का विषय बना रहा।
देश विरोधियों की मदद करने का आरोप
इस लेख में इंफोसिस पर कई गंभीर आरोप भी लगाए गए थे। लेख में कहा गया था कि कंपनी वामपंथियों, नक्सलियों और टुकड़े-टुकड़े गैंग की मदद करने में जुटी हुई है। लेख प्रकाशित होने के बाद इंफोसिस की ओर से पत्रिका में लगाए गए आरोपों को पूरी तरह निराधार और बेबुनियाद बताया गया था। लेख में कंपनी पर सरकारी प्रोजेक्ट में गड़बड़ी किए जाने का भी आरोप लगाया गया था। इंफोसिस ने तो खुद को राष्ट्रविरोधी बताए जाने का खंडन किया था । मगर अभी तक अमेजन की ओर से पांचजन्य के लेख पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।