Russia Ukraine Crisis : भारतीय विदेश सचिव का बयान, कहा- युद्धरत पक्ष बातचीत के जरिए बढ़ें आगे

रूस-यूक्रेन की विवाद को लेकर रविवार को भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला का एक बयान सामने आया है। अपने ताजा बयान में हर्षवर्धन ने कहा युद्धरत पक्षों को बातचीत के जरिये आगे बढ़ना चाहिए।

Bishwajeet Kumar
Published on: 27 Feb 2022 5:34 PM GMT
Harsh Vardhan Shringla
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हर्षवर्धन श्रृंगला (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया) 

Russia Ukraine Crisis : रूस-यूक्रेन संकट को लेकर भारत के विदेश सचिव का एक बड़ा बयान सामने आया है। संकट और उसके मानवीय आयामों पर एक विशेष ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla) ने कहा कि, रूस यूक्रेन के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने में योगदान देने के लिए भारत के पास हर कारण हैं। विदेश सचिव ने कहा भारत का मानना है कि युद्धरत पक्षों के बीच बातचीत आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।

विदेश सचिव ने आगे कहा इस मामले को लेकर सभी दल एक साथ जुड़ रहे हैं, हमारे प्रधानमंत्री ने यूक्रेन और रूस के राष्ट्रपति के साथ बात भी की है। साथ ही हमारे विदेश मंत्री इस मामले के सभी वार्ताकारों से लगातार संपर्क में है।

पीएम मोदी ने की थी पुतिन और जेलेंस्की से फोन पर बात

विदेश सचिव हर्षवर्धन ने बताया कि बीते 24 फरवरी को यूक्रेन की ओर से रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे विवाद में पीएम मोदी से हस्तक्षेप की मांग की गई थी। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से फोन पर बात किया था। पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से बात कर युद्ध में हुए नुकसान को लेकर अपनी संवेदना व्यक्त की थी। साथ ही उन्हें यह भरोसा दिलाया था की दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए भारत अपना योगदान देने के लिए हमेशा तैयार है।

संयुक्त राष्ट्र की वोटिंग में भारत था अनुपस्थित

रूस यूक्रेन विवाद को लेकर हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन पर अचानक हमला किए जाने को लेकर रूस के खिलाफ एक निंदा प्रस्ताव लाया गया था। जिसमें दुनिया के कई देशों ने अपना अपना मत दिया। मगर इस दौरान चीन, यूएई और भारत ने इस प्रस्ताव के समर्थन या विरोध करने की जगह वोटिंग में अनुपस्थित रहकर वोट ना करने का फैसला किया।

इस प्रस्ताव के वोटिंग के दौरान अपनी अनुपस्थिति को लेकर भारत की ओर से बयान जारी किया गया। सुरक्षा परिषद में भारत की ओर से कहा गया कि रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे हालिया घटनाक्रम को देखकर भारत बहुत परेशान है। दोनों देशों के बीच का यह मामला कूटनीतिक तरीके से सुलझाना चाहिए था। भारत दोनों देशों से यह आग्रह करता है कि हिंसा को जल्द से जल्द खत्म कर मामले को बातचीत और शांति के माहौल में सुलझा ने का प्रयास किया जाए।

गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच लंबे वक्त से चल रहे मनमुटाव ने अब एक युद्ध का रूप ले लिया है। रूस हर रोज यूक्रेन पर अपने हमले और तेज करते जा रहा है। इन दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध को लेकर दुनिया के कई देशों का अपना अलग-अलग मत है। मगर ज्यादातर देशों ने रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले का निंदा किया है। साथ ही कई देशों ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे विवाद को युद्ध के जगह कूटनीतिक तरीके से सुलझाने का पैरवी किया है।

Bishwajeet Kumar

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