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Russia-Ukraine War: अमेरिका लगा सकता है भारत के खिलाफ प्रतिबंध

Russia-Ukraine War: हर तरफ रूस-यूक्रेन यूद्ध को लेकर चर्चा तेज़ हो गयी हा। यूक्रेन से युद्ध के चलते रूस की निंदा की जा रही हैं। लेकिन भारत ने ना रूस की तरस से कोई बयान दिया है और ना ही यूक्रेन की निंदा की है। लेकिन अमेरिका अब भारत के खिलाफ प्रतिबन्ध लगाने की सोच रहा है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Monika
Published on: 4 March 2022 2:28 PM IST (Updated on: 4 March 2022 3:01 PM IST)
US President Joe Biden
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अमेरिका राष्ट्रपति जो बिडेन (फोटो : सोशल मीडिया )

Russia-Ukraine War: रूस से हथियार खरीद के चलते भारत (India) के खिलाफ प्रतिबन्ध लगाने पर अमेरिका (America) विचार कर रहा है। यूक्रेन (Ukraine) पर आक्रमण के कारण रूस के खिलाफ ढेरों प्रतिबन्ध लगे हुए हैं और रूस से सैन्य उपकरणों की खरीद (military equipment) करने वाले देशों पर भी कार्रवाई पर सोचा जा रहा है।

जो बिडेन (Joe Biden) प्रशासन में दक्षिण एशियाई मामलों के सहायक सचिव डोनाल्ड लू (Donald Lu) ने कांग्रेस में एक सुनवाई में सांसदों से कहा कि प्रशासन इस बात पर विचार कर रहा है कि रूस के साथ भारत के घनिष्ठ सैन्य संबंध अमेरिकी सुरक्षा के लिए कितना खतरा हैं। लू ने कहा - यह एक ऐसा सवाल है जिसे हम बहुत करीब से देख रहे हैं, क्योंकि प्रशासन इस व्यापक सवाल को देख रहा है कि क्या प्रतिबंध लागू किए जाएं या उन प्रतिबंधों को माफ किया जाए।

अमेरिकी चुनावों में क्रेमलिन के हस्तक्षेप के मद्देनजर 2017 में पारित 'काउंटरिंग अमेरिकन एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट' में रूसी रक्षा या खुफिया क्षेत्रों के साथ लेनदेन को मंजूरी देने का अधिकार शामिल है। इस कानून में राष्ट्रपति के लिए छूट का अधिकार शामिल है, जिसका उपयोग तुर्की के लिए दिसंबर 2020 तक के लिए किया गया था। तुर्की नाटो का एक सहयोगी देश है। ट्रम्प प्रशासन ने तुर्की द्वारा रूसी एस - 400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद के लिए कानून के तहत प्रतिबंध लगाए थे।

रक्षा भागीदार नामित किया गया था

2016 में भारत को अमेरिका के साथ एक प्रमुख रक्षा भागीदार नामित किया गया था। ये एक बड़ा ओहदा है जो रक्षा व्यापार और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने का कार्य करता है। कहा जाता है कि अमेरिका और भारत के बीच रक्षा अनुबंध 2008 के बाद से 20 अरब डॉलर के हैं। भारत अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ क्वाड सुरक्षा वार्ता का भी सदस्य है। क्वाड एक ऐसा समूह जो भारत-प्रशांत में चीन की महत्वाकांक्षाओं का मुकाबला करने पर केंद्रित है।

राष्ट्रपति बिडेन ने क्वाड नेताओं से कई विषयों पर चर्चा की

व्हाइट हाउस के अनुसार राष्ट्रपति बिडेन ने 3 मार्च को क्वाड नेताओं के साथ एक वीडियो कॉल की जिसमें यूक्रेन के खिलाफ युद्ध और इंडो-पैसिफिक के लिए इसके निहितार्थ पर चर्चा की गयी। लू ने सांसदों से कहा कि प्रशासन यह समझने की कोशिश कर रहा है कि क्या आज हम भारत के साथ साझा की जा रही रक्षा तकनीक को रूस के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंधों और इसकी रक्षा बिक्री को देखते हुए पर्याप्त रूप से सुरक्षित रखा जा सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि किसी भी भागीदार के साथ, कि अमेरिका खुद को आश्वस्त करने मंा सक्षम है कि हमारे द्वारा साझा की जाने वाली कोई भी रक्षा तकनीक पर्याप्त रूप से संरक्षित है।

बिडेन प्रशासन पिछले कुछ महीनों से यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण भारतीय अधिकारियों के साथ बातचीत में लगा हुआ है। राष्ट्रपति बिडेन, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और विदेश विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने नई दिल्ली से रूस की कार्रवाई के विरोध में एक स्पष्ट स्टैंड लेने के लिए आग्रह किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की अनुपस्थिति और यूक्रेन को मानवीय सहायता प्रदान करने की उसकी प्रतिबद्धता अपनी सार्वजनिक स्थिति में बदलाव का वादा कर रही है और वह एक भारतीय छात्र की मौत पर आक्रोश के बाद और भी बड़े बदलाव की उम्मीद करते हैं। लू ने कहा कि हम देख सकते हैं कि रूसी कार्रवाई ने भारत में जनमत को एक ऐसे देश के खिलाफ मोड़ना शुरू कर दिया है जिसे वे एक भागीदार के रूप में मानते हैं।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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