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संसद में सर्वदलीय बैठक: विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा, बीच बैठक से आम आदमी पार्टी का वॉकआउट, PM मोदी भी रहे नदारद

शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ठीक एक दिन पहले आयोजित इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र शामिल नहीं हुए तथा उनके स्थान पर सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल मौजूद रहे।

Rajat Verma
Written By Rajat VermaPublished By Vidushi Mishra
Published on: 28 Nov 2021 9:41 AM GMT
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सर्वदलीय बैठक (फोटो- सोशल मीडिया)

Sarvadaliya Baithak : संसद के शीतकालीन सत्र से पहले केंद्र सरकार द्वारा रविवार को एक सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में महंगाई, ईंधन की कीमतों में वृद्धि, किसानों और कोविड 19 संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की गई वहीं इसी बीच अधिकांश विपक्षी दलों ने पेगासस जासूसी मामले पर भी चर्चा की मांग की।

इसके अतिरिक्त बैठक में विपक्षी नेताओं ने पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्यों में सीमा सुरक्षा बल के विस्तारित अधिकार क्षेत्र का भी मुद्दा उठाया गया।

दिल्ली संसद भवन में आयोजित इस सर्वदलीय बैठक (Sarvadaliya Baithak) में कांग्रेस से मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी और आनंद शर्मा; टीएमसी से सुदीप बनर्जी और डेरेक ओब्रियन; डीएमके से टीआर बालू और टी. शिवा; एनसीपी से शरद पवार सहित विपक्षी दलों के कई प्रमुख नेताओं ने भाग लिया।

सर्वदलीय बैठक से वॉकआउट

शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ठीक एक दिन पहले आयोजित इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र शामिल नहीं हुए तथा उनके स्थान पर सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल मौजूद रहे।

इस सर्वदलीय बैठक(Sarvadaliya Baithak) के मद्देनजर आम आदमी पार्टी नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने उन्हें बॉथक में ना बोलने देने का आरोप लगाते हुए सर्वदलीय बैठक से वॉकआउट कर दिया। श्री सिंह न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून की किसानों की मांग को उठाना चाहते थे।

इस वॉकआउट और सर्वदलीय बैठक(Sarvadaliya Baithak) के विषय में संजय सिंह ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि-"ये लोग सर्वदलीय बैठक(Sarvadaliya Baithak) के दौरान किसी भी सदस्य को बोलने नहीं देते हैं। मैंने संसद के इस सत्र में एमएसपी गारंटी पर कानून लाने और बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के विस्तार आदि सहित अन्य मुद्दों को पर चर्चा करनी चाही लेकिन हमें बोलने नहीं दिया गया।"

इस सर्वदलीय बैठक(Sarvadaliya Baithak) में लिए गए निर्णय के अनुसार तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के विधेयक को सोमवार को शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा में पेश करने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इस विधेयक को सदन में पेश करेंगे तथा इसी के मद्देनजर सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को पूर्ण रूप से उस दिन सदन में उपस्थित रहने को लेकर एक व्हिप भी जारी किया है।

Vidushi Mishra

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