SC ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब, वैक्सीन को लेकर कही ये बात

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर सरकार से सवाल पूछे हैं।

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Newstrack NetworkPublished By Deepak Raj
Published on: 9 Aug 2021 9:29 AM GMT
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फाइल फोटो (सोर्स-सोशल मीडिया)

कोरोना वैक्सीन को लेकर एक और खबर आई है जिसमें सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सरकार से दो बातों का जवाब मांगा है। सर्वोच्च न्यायालय में दायर एक पीआईएल (PIL) की सुनवाई करते हुए जस्टिस एल नागेश्वर राव ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा की सरकार को कोरोना वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल डेटा और पोस्ट-टीकाकरण डेटा को सरकार को सार्वजनिक करने की बात कही।


फाइल फोटो सुप्रीम कोर्ट (सोर्स-सोशल मीडिया)


याचिकर्ता की ओर से वकील प्रशांत भूषण दलील पेश कर थें

याचिकर्ता की ओर से दलील पेश कर रहे जानेमाने वकील प्रशांत भूषण से जज ने पूछा की क्या ये देश हित में है। इसपर भूषण ने एक सर्वे का हवाला देते हुआ कहा की देश में दो तिहाई जनसंख्या कोरोना से संक्रमित हो चुकी है अतः सरकार को वैक्सीन लेने की बाध्यता को खत्म कर देनी चाहिए। जबकी सरकार अभी भी हवाई जहाज से लेकर कई जगहों पर कोरोना वैक्सीनेशन प्रमाणपत्र मांग रही है। जबकि ये चीजें स्वैच्छिक होनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा

कोरोना वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के डेटा को सार्वजनिक करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही कोर्ट ने ये भी पूछा है कि क्या किसी को वैक्सीन लेने के लिए मजबूर भी किया जा रहा है। कोर्ट ने साफ कहा कि किसी को जबरन वैक्सीन न लगवाई जाए या वैक्सीन न लगवाने की वजह से किसी की नौकरी न छीनी जाए। इस मसले पर अब अगली सुनवाई चार हफ्तों के बाद होगी।

सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका के जरिये दो मांगें रखी गई थीं। पहला ये कि कोरोना वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल का डेटा सार्वजनिक किया जाए। दूसरा ये कि ये सुनिश्चित किया जाए कि किसी को भी कोरोना वैक्सीन लेने के लिया मजबूर न किया जाए। इन दोनों सवालों पर केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करना होगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ किया कि वो वैक्सीन के प्रभाव पर कोई सवाल नहीं उठा रहे हैं। कोर्ट का कहना है कि नोटिस जारी करने का ये मतलब नहीं है कि वैक्सीन पर किसी भी तरह का कोई संदेह है।

बता दें कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल की इजाजत देने से पहले उसका क्लिनिकल ट्रायल किया गया था। यानी पहले जानवरों पर और फिर इंसानों पर जांच करके देखा गया था कि कोरोना वैक्सीन कितनी प्रभावी है। उसके कोई दुष्प्रभाव तो नहीं हैं। वो इंसानों में कोई नुकसान तो नहीं पहुंचाएगी।

Deepak Raj

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