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ओमिक्रॉन वैरिएंटः क्या चूहे लेकर आए ये महामारी, हैरान कर देने वाली स्टडी रिपोर्ट

पूरी दुनिया में तेजी से संक्रमण फैलाने वाले कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर वैज्ञानिकों का एक चौंकाने वाला रिपोर्ट सामने आया है।

Bishwajeet Kumar
Published on: 29 Jan 2022 11:09 PM IST
ओमिक्रॉन वैरिएंटः क्या चूहे लेकर आए ये महामारी, हैरान कर देने वाली स्टडी रिपोर्ट
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Omicron 

Corona Virus: दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के मामलों में अभी भी उछाल जारी है। वहीं नए वेरिएंट ओमिक्रोन के आने के कारण कोरोना संक्रमण और तेजी से फैलने लगा है। अब तक के आंकड़ों के मुताबिक ओमिक्रोन वैरिएंट कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले कम जानलेवा है लेकिन ओमिक्रोन वैरिएंट, डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले काफी ज्यादा तेजी से फैलने वाला वायरस है। इसने बड़े ही कम समय में दुनिया के कई देशों को बुरी तरह से प्रभावित किया है।

ओमिक्रोन वैरिएंट के आने से ही सभी के दिमाग में एक सवाल चल रहा था कि आखिर कोरोना वायरस का यह नया वैरिएंट मूल रूप से कहां से पैदा हुआ है। अब तक के मिली जानकारी के मुताबिक ओमिक्रोन वैरिएंट का पहला मामला साल 2021 के नवंबर में साउथ अफ्रीका में हुआ था। जिसके बाद यह तेजी से फैलने वाला वैरिएंट दुनिया के लगभग सभी देशों को बुरी तरह से अपने कब्जे में लेने लगा। हालांकि कोरोना वायरस के इस नए वेरिएंट के उत्पत्ति को लेकर अभी भी बहुत से मतभेद है।

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में एक बात सामने आई थी कि वैज्ञानिकों द्वारा लाखों की संख्या में SARS-CoV-2 जिनोम सीक्वेंसिंग किया गया था मगर हो सकता है कि इन सब के बीच कोई एक श्रृंखला वैज्ञानिकों से छूट गई हो जिसके कारण यह आशंका जताई जाती है कि कोरोना वायरस का यह ओमिक्रोन वैरिएंट चूहे या फिर चूहे जैसे किसी अन्य जीव के कारण भी फैल सकता है। गौरतलब है कि SARS-CoV-2 के अपेक्षाकृत ओमिक्रोन वैरिएंट में 50 से अधिक म्यूटेशन होते हैं।

ओमिक्रोन वैरिएंट के लगभग 30 म्यूटेशन में कोविड-19 के स्पाइक प्रोटीन में अमीनो एसिड काफी बदलाव संबंधित है विश्व स्वास्थ्य संगठन के इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस के पिछले वैरिएंट में इतनी ज्यादा स्पाइक प्रोटीन नहीं मौजूद थे इसके पहले के वेरिएंट में अधिकतम 10 स्पाइक प्रोटीन ही मौजूद थें। डब्ल्यूएचओ ने ओमिक्रोन के लक्षणों को लेकर चेतावनी देते हुए कहा कि जिन लोगों को अब तक वैक्सीन नहीं लगा है। वह इस वैरिएंट के शिकार हो सकते हैं। इसके साथ ही डब्ल्यूएचओ ने कहा कि हो सकता है यह कोरोना वायरस का आखिरी वैरिएंट हो।



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Bishwajeet Kumar

Bishwajeet Kumar

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